राजेश ज्वेल : लम्बे अरसे बाद इंदौर प्रेस क्लब ने पत्रकार साथियों के लिए कैरम और टेबल टेनिस स्पर्धा स्व. अतुल लागू और स्व. जीवन साहू की स्मृति में आयोजित की है। आज से 25 साल पहले इंदौर प्रेस क्लब की कैरम कूटो गैंग काफी लोकप्रिय थी, जिसका मैं भी एक सक्रिय सदस्य था। उस गैंग में सभी दिग्गज पत्रकार रोजाना देर रात तक कैरम खेलते थे। स्व. विनय लाखे, पी. चांद, अतुल लागू, जीवन साहू से लेकर रवीन्द्र निगम, विमल गुप्ता, चंदू गुप्ता, स्व. महेन्द्र बापना, मनोहर लिम्बोदिया, कीर्ति राणा, चंद्रशेखर शर्मा, किरण वाइकर, अनिल त्यागी, कैलाश मित्तल सहित अन्य साथी इस कैरम गैंग के हिस्सा थे। दोपहर 3-4 बजे से कैरम की जो महफिल जमना शुरू होती तो रात 12-1 बजे तक चलतीथी। रोजाना खेलने के कारण प्रेस क्लब के कई सदस्य उस दौरान इस खेल में पारंगत भी हो गए, जिसमें मैं भी शामिल रहा। उस दौरान प्रेस क्लब में हर साल टेबल टेनिस और कैरम की स्पर्धाएं होती थी। मैंने भी दोनों खेलों में सिंगल और डबल्स में कई बार हिस्सा लिया और जीता भी। मुझ सहित अधिकांश प्रेस क्लब सदस्यों को जी.के. गोविंद ने कैरम की तकनीकि समझ और किस गोट को किस तरकीब से खेलना है , ये सिखाया। वे खुद एक शानदार खिलाड़ी रहे हैं, जो एक बार में ही पटिया साफ कर देते थे। वर्ष 1994 से लेकर 2000 के उस दौर में इंदौर प्रेस क्लब में कैरम का खेल अपने पूरे शबाब पर रहा और उससे जुड़ी तमाम स्मृतियां अभी फिर से ताजा हो गई, हालांकि इस दौरान कई साथी बिछुड़ भी गए। उनमें से ही दो साथियों की स्मृति में ये स्पर्धा आयोजित की जा रही है। प्रेस क्लब अध्यक्ष अरविन्द तिवारी सहित पदाधिकारियों और आयोजकों को इसके लिए साधुवाद, हालांकि अब कामकाज के दबाव और बीते दो सालों से कोरोना ने इस तरह के आयोजनों पर एक तरह से बैन ही लगा रखा था, मगर मानसिक तनाव दूर करने के लिए कैरम वाकई एक शानदार खेल है और उसकी लत भी किसी नशे से कम नहीं है, जो हम सबको उस दौर में लगी भी थी।
(लेखक राजेश ज्वेल इंदौर के वरिष्ठ पत्रकार हैं।)