देश में श्रीराम मंदिर की लौह स्क्रैप से निर्मित यह पहली प्रतिकृति है।
प्रतिकृति के निर्माण में कई मुस्लिम कलाकारों की भी है भागीदारी।
🔷पियूषा विजयवर्गीय🔷
इंदौर : देशभर में राम मंदिर निर्माण व रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियों की धूम है। हर सनातनी इस पल को निहारने को आतुर है। इस सब के बीच देश की सबसे स्वच्छ नगरी इंदौर में राम मंदिर को लेकर एक अनूठा प्रयोग किया जा रहा है। शहर के पश्चिम क्षेत्र में रणजीत हनुमान मंदिर के समीप स्थित विश्राम बाग में अयोध्या में आकार ले रहे राम मंदिर की हुबहु प्रतिकृति बनाई जा रही है। अहम बात ये है कि इस प्रतिकृति के निर्माण में मुस्लिम कारीगर भी भागीदारी जता रहे हैं।
आयरन वेस्ट से बनाई जा रही श्रीराम मंदिर की प्रतिकृति।
महापौर पुष्यमित्र भार्गव के मुताबिक इसकी खासियत यह है कि इसका निर्माण 21 टन आयरन वेस्ट से किया जा रहा है। इस कार्य में नगर निगम के पुराने वाहनों के चेसिस,स्ट्रीट लाइट्स के पुराने खंभे,पुराने वाहनों की बाॅडी,गियर पार्ट्स,नट-बोल्ट,कबाड़ में जा चुके टूटे हुए झूले और फिसल पट्टियां, पार्कों की टूटी हुई ग्रिल्स और दरवाजों के पुराने लोहे का उपयोग किया गया है। तकरीबन 20 कारीगरों की अथक मेहनत से यह अद्भुत कलाकृति तैयार की जा रही है।
प्रतिकृति के निर्माण में कई मुस्लिम कलाकार भी शामिल।
अहम बात ये है कि श्रीराम मंदिर की इस नायाब लौह प्रतिकृति के निर्माण में दिल्ली के कई मुस्लिम कारीगर भी शामिल हैं,जो बारिक नक्काशी के जरिए इस प्रितीकृति को खूबसूरती प्रदान कर रहे हैं।
27 फीट ऊंचे, 26 फीट चौड़े और 40 फीट लंबे इस मंदिर का निर्माण कार्य पिछले ढाई महिनों से सतत चल रहा है, जो अब पूर्णता की ओर है। फिलहाल इसमें फिनिशिंग का कार्य शेष है।
लोहे के स्क्रैप से निर्मित श्रीराम मंदिर की देश की पहली प्रतिकृति।
बताते चलें कि निर्माण कार्य पूर्ण होने के बाद मंदिर की दीवारों पर संस्कृत के श्लोकों को भी उकेरा जाएगा। संभवतः अयोध्या के राम मंदिर की प्रतिकृति के निर्माण में इस प्रकार का प्रयोग देश में पहली बार किया गया है। लोहे के स्क्रेप से निर्मित कला का यह बेजोड़ नमूना इंदौर शहर को देश ही नहीं अपितु दुनिया में एक अलग पहचान और मुकाम दिलाएगा।