समूचे शहर में सफलतापूर्वक संपन्न हुई सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल।
इंदौर : आतंकियों के पनाहगार पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव को देखते हुए केंद्र सरकार के निर्देश पर देश के सीमावर्ती राज्यों के साथ प्रमुख शहरों में बुधवार को व्यापक, प्रभावी सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल की गई। इंदौर में भी यह मॉक ड्रिल सफलतापूर्वक अंजाम दी गई। इसका उद्देश्य आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने की तैयारियों का आकलन करना था। मॉक ड्रिल तीन चरणों में की गयी। इसके तहत देर शाम 12 मिनट का ब्लैक आऊट भी पूरे शहर में किया गया। लोगों ने ब्लैक आउट में बढ़ – चढ़ कर भागीदारी निभाई।
मॉक ड्रिल के दौरान संभागायुक्त दीपक सिंह, पुलिस कमिश्नर संतोष कुमार सिंह, कलेक्टर आशीष सिंह, नगर निगम आयुक्त शिवम वर्मा, अतिरिक्त पुलिस कमिश्नर अमित सिंह और मनोज श्रीवास्तव, डीसीपी अभिनव विश्वकर्मा,एडीएम रोशन राय सहित अग्निशमन, स्वास्थ्य, नगर निगम, आपदा प्रबंधन एवं अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
मॉक ड्रिल का पहला चरण।
मॉक ड्रिल का पहला चरण शासकीय डेंटल कॉलेज से प्रारंभ हुआ। ठीक 4 बजे कंट्रोल रूम के माध्यम से सूचना प्राप्त हुई कि शासकीय डेंटल कॉलेज में हमला हुआ है और वहां आग लग गई है। बड़ी संख्या में लोग यहां फंसे हैं। सूचना मिलते ही फायर बिग्रेड, जिला प्रशासन, पुलिस और नगर निगम का अमला तुरंत मौके पर पहुंचा। यहां तुरंत राहत और बचाव कार्य प्रारंभ किये गये। विभिन्न उपकरणों और साधनों के माध्यम से हताहत लोगों को बचाया गया, उन्हें सुरक्षित रूप से निकाला गया। दुर्घटना में घायल लोगों को एंबुलेंस के माध्यम से तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया। अग्निशमन वाहनों ने पानी के माध्यम से आग बुझाई।
दूसरा चरण ।
मॉक ड्रिल का दूसरा चरण रेसीडेंसी में संपन्न हुआ। यहां सूचना प्राप्त हुई थी कि हमला हो सकता है, लोग यहां बड़ी संख्या में फंसे हुए हैं। इन लोगों को पुलिस प्रशासन, जिला प्रशासन तथा सिविल डिफेंस के दल ने सुरक्षित रूप से रेसीडेंसी में ही बनाए गए बंकर में बसों के माध्यम से पहुंचाया।
तीसरा चरण।
मॉक ड्रिल का तीसरा चरण मेडिकल कॉलेज के बॉयज हॉस्टल में प्रभावी रूप से किया गया। यहां हमले में भवन क्षतिग्रस्त होने की सूचना मिली थी। सूचना मिलते ही संबंधित विभागों का दल तुरंत पहुंचा। उन्होंने राहत एवं बचाव के कार्य प्रारंभ किये। भवन में फंसे लोगों को सुरक्षित निकाला गया। घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया।
उपचार व्यवस्था का भी हुआ अभ्यास।
स्वास्थ्य विभाग के अमले ने मॉक ड्रिल के लिए अस्थाई अस्पताल बनाए थे। अनेक घायलों को एमवाय अस्पताल में भी पहुंचा कर उनका इलाज प्रारंभ किया गया। इसके माध्यम से आपदा के हताहत लोगों के उपचार का भी अभ्यास किया गया।
ब्लैक आउट में लोगों ने निभाई सक्रिय भागीदारी।
मॉक ड्रिल के बाद शाम 7:30 बजे शहर में ब्लैक आउट किया गया। सायरन बजते ही सभी लाइट बंद कर दी गई। शहर में सड़कों पर चलने वाले वाहन भी लाइट बंद कर साइड में खड़े कर दिए गए। नागरिकों ने भी अपने घरों, प्रतिष्ठानों आदि की लाइट स्वैच्छा से बंद कर प्रशासन के दिशा – निर्देशों का पालन किया। करीब 12 मिनट के ब्लैक आउट दौरान पूरे शहर में अंधेरा नजर आया।
आपात स्थितियों के लिये तत्काल और समन्वित कार्रवाई की प्रणाली को परखा।
इस मॉक ड्रिल के जरिए विभिन्न आपात स्थितियों जैसे हवाई हमले, अग्निकांड, विस्फोट या अन्य संकट की स्थिति में तत्काल और समन्वित कार्रवाई प्रणाली को परखना था। इसके माध्यम से नागरिकों में सुरक्षा संबंधी जागरूकता बढ़ाई गई और उन्हें संकट के समय क्या करना है, कैसे प्रतिक्रिया देना है इसका व्यावहारिक प्रशिक्षण भी दिया गया।
मॉक ड्रिल के दौरान हवाई हमले की चेतावनी प्रणालियों की प्रभावशीलता का परीक्षण, भारतीय वायु सेना के साथ संचार व्यवस्था की जांच, नियंत्रण कक्षों एवं छाया नियंत्रण कक्षों की कार्यप्रणाली का मूल्यांकन, नागरिकों, छात्रों एवं स्वयंसेवकों को नागरिक सुरक्षा उपायों का व्यावहारिक प्रशिक्षण, आपात स्थिति में ब्लैक आउट और निकासी योजनाओं के क्रियान्वयन का आकलन, महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा हेतु शीघ्र छुपाने की व्यवस्था का परीक्षण, नागरिक सुरक्षा सेवाओं, वार्डनों, अग्निशमन एवं बचाव दल की तत्परता की समीक्षा के साथ ही डिपो प्रबंधन, आपूर्ति व्यवस्था तथा राहत संचालन की प्रणाली का परीक्षण किया गया।
कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि मॉक ड्रिल का सफलतापूर्वक प्रभावी संचालन किया गया । मॉक ड्रिल में जिले के सभी हितधारकों की सक्रिय सहभागिता सुनिश्चित की गई, ताकि किसी भी आपदा की स्थिति में जन-धन की हानि को न्यूनतम किया जा सके। मॉक ड्रिल में आपदा प्रबंधन की वास्तविक समय में परख की गई। उन्होने मॉक ड्रिल के सफलतापूर्वक संचालन के लिये सभी संबंधितों की सराहना करते हुये आभार व्यक्त किया।