इलाज करने से मना करने पर निरस्त होंगे डॉक्टरों, अस्पतालों के लाइसेंस, कलेक्टर ने दी चेतावनी

  
Last Updated:  April 11, 2020 " 06:06 pm"

इंदौर : कलेक्टर मनीष सिंह ने अस्पताल संचालकों को हर स्थिति में मरीजों का इलाज करने के सख्त निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी स्थिति में अस्पताल संचालक या डॉक्टर मरीज को चिकित्सकीय परामर्श देने के लिए इंकार नहीं कर सकते, वे इसके लिए बाध्यकारी हैं। ऐसे डॉक्टर्स,जो अपनी चिकित्सकीय ड्यूटी जिम्मेदारी के साथ नहीं निभा रहे हैं , उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा कर उनका प्रैक्टिस लाइसेंस रद्द किया जाएगा। इसी प्रकार पैरामेडिकल स्टॉफ जो अपने कार्य पर उपस्थित नहीं हो रहे हैं, उन्हें गिरफ्तार कर अस्थाई जेल में भेजा जाएगा।

हर वार्ड में 15 किराना सप्लायर्स..

किराना प्रदाय के बारे में जानकारी देते हुए कलेक्टर मनीष सिंह ने कहा कि प्रशासन हर वार्ड में 15 सप्लायर्स से बात कर घर-घर किराना सामग्री देने की प्रक्रिया पूर्ण कर रहा है। आलू-प्याज विक्रेताओं के संबंध में आ रही शिकायतों पर उन्होंने कड़े शब्दों में कहा कि कालाबाजारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी। अतः सप्लायर्स अधिक भाव में आलू-प्याज न बेचें। उन्होंने बताया कि इंदौर संभाग के लिए आटा एवं दाल मिलें शुरू की गई हैं। शीघ्र ही इनका प्रदाय भी सुनिश्चित किया जाएगा।

ज्यादा से ज्यादा सैंपलिंग और टेस्ट करने पर जोर।

उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन का मुख्य उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा सैंपलिंग एवं टेस्ट करना है। इस प्रक्रिया में टेस्टिंग लैब पर भी बहुत दबाव है, लेकिन सैंपलिंग ज्यादा होने से ही पॉजिटिव या निगेटिव प्रकरण सामने आएंगे। इससे भविष्य में संक्रमण की स्थिति को कंट्रोल किया जा सकेगा।

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