इंदौर : चांद दिखते ही इस्लामिक नए साल की शुरुआत हुई। इंदौर में इमामबाड़े पर चौकी धुलने के साथ ही फातिहा पढ़ी गई। इस दौरान देश- प्रदेश व शहर से कोरोना का प्रकोप जल्द खत्म होने की दुआ मांगी गई।
इमाम हुसैन और इमाम हसन की शहादत में मनाए जाने वाले पवित्र त्योहार मोहर्रम पर इंदौर के इमामबाड़े में परंपरानुसार होलकर कालीन सरकारी ताजिये का निर्माण किया जाता है, जहाँ गंगा जमुनी तहजीब की अद्भुत मिसाल देखने को मिलती है । यहां सभी धर्मों के लोग इबादत करने आते हैं। मन्नत का धागा बांधते हैं।मन्नत पूरी होने पर ताजिये के नीचे से निकलते है ।
इस वर्ष कोरोना संक्रमण के कारण सारे धार्मिक आयोजन,जुलूस रैलियों पर प्रतिबंध है वही सार्वजनिक कार्यक्रमो पर भी रोक लगी है जिसके चलते राजबाड़ा स्थित इमामबाड़े पर प्रशासन के निर्देशों का पालन करते हुए 5 लोगों ने ही धार्मिक विधि सम्पन्न कराई। इनमें ताजिया कमेटी के अध्यक्ष इनायत क़ुरैशी, शहर काजी डॉ इशरत अली,सर्वधर्म संघ अध्यक्ष मंजूर बैग,सद्दाम पठान और नौशाद भाई शामिल थे।
सीएसपी आशुतोष मिश्रा और सराफा थाना प्रभारी अमृता सोलंकी पुलिस बल के साथ कानून- व्यवस्था के लिहाज से मौजूद रहे।