सप्तऋषि की 06 मूर्तियां पेडस्टल से गिरकर हुई क्षतिग्रस्त।
कंपनी की है 5 साल तक रखरखाव की जिम्मेदारी।
कई स्थानों पर पेड़ गिरे, बिजली हुई गुल।
नागदा में गंगनचुंबी टॉवर गिरने की सूचना।
उज्जैन : रविवार को उज्जैन जिले में तेज रफ्तार से आए आंधी – तूफान ने तांडव मचा दिया। सैकड़ों करोड़ की लागत से निर्मित महाकाल लोक को खासा नुकसान पहुंचा। कई मूर्तियां गिरकर क्षतिग्रस्त हो गई। शहर में विभिन्न स्थानों पर पेड़, जड़ से उखड़ गए, कई वाहन उनके नीचे दब गए। तार टूटने से उज्जैन शहर और जिले में बिजली गुल हो गई। आंधी का वेग इतना ज्यादा था की सड़कों पर ट्रैफिक थम गया और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शरण लेनी पड़ी।
सप्तऋषि की छह मूर्तियां हुई खंडित।
रविवार को छुट्टी का दिन होने से महाकाल लोक देखने बड़ी संख्या में लोग पहुंचे थे। दोपहर में एकाएक मौसम का मिजाज बिगड़ा। तेज हवाओं ने देखते ही देखते आंधी तूफान का रूप ले लिया। कुदरत के इस भयावह रूप को देख लोगों में अफरा – तफरी मच गई। इसी दौरान हवा का वेग न सह पाने से सप्तऋषि मंडल की 06 मूर्तियां पेडस्टल से उखड़कर गिर गई। फाइबर और रेनफोर्स प्लास्टिक से निर्मित इन मूर्तियों में जमीन पर गिरने से दरारें भी आ गई। इस घटना के बाद महाकाल लोक को तात्कालिक रूप से बंद कर दिया गया।
कई स्थानों पर गिरे पेड़, नागदा में टावर गिरा।
तूफानी गति से चल रही हवाओं ने जैसे सबकुछ तहस नहस करने की ठान ली थी। विभिन्न स्थानों पर लगे विशालकाय होर्डिंग्स व पेड़ देखते ही देखते धराशाई हो गए। कई गाड़ियां पेड़ों के नीचे दबकर क्षतिग्रस्त हो गई। बिजली के तार टूटने से गुल हुई बिजली ने लोगों की मुसीबत और बढ़ा दी। दोपहर में गुल हुई बिजली देर रात तक नहीं आ पाई थी। उधर नागदा में एक आसमान छूता टॉवर भी धराशाई हो गया।
एफआरपी की छह मूर्तियां हुई खंडित।
उज्जैन कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने बताया कि हवा का वेग बेहद तेज था। इसके चलते महाकाल लोक में एफआरपी की छह मूर्तियां जिन्हे सुंदरता के चलते सीमेंटेड नहीं किया गया था, पेडस्टल से उखड़कर गिर गई। इसके अलावा महाकाल लोक को कोई नुकसान नहीं हुआ है। इन मूर्तियों के रखरखाव की जिम्मेदारी संबंधित कंपनी की है। प्रयास किए जाएंगे कि जल्द ही इन मूर्तियों की जगह पत्थर की मूर्तियां स्थापित कर दी जाएं।
बिजली गुल होने से बढ़ी परेशानी।
आंधी – तूफान के साथ गुल हुई बिजली रात तक नहीं आई थी। इसके चलते लोग अंधेरे में परेशान होते रहे। कई जगह फाल्ट होने से उन्हें दुरुस्त करने में बिजली कंपनी के कर्मचारियों के भी पसीने छूट रहे हैं।
पुनः खोला महाकाल लोक।
इस बीच पता चला है कि आंधी – तूफान से महाकाल लोक में गिरी मूर्तियों को पुनः यथास्थान पर लगाने के साथ उनकी तात्कालिक दुरुस्ती कर दी गई है। इसके बाद महाकाल लोक फिर से श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया है। स्थानीय प्रशासन ने इसकी पुष्टि करने के साथ लोगों से आग्रह किया है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें।