इंदौर : खरगौन की घटना को लेकर गलत ट्वीट कर कांग्रेसी नेता दिग्विजय सिंह बुरीतरह घिर गए हैं। बीजेपी, उनपर हमलावर होने के साथ चौतरफा घेराबंदी कर रही है।
पांच जिलों में दर्ज हुई एफआईआर।
दिग्विजय सिंह के खिलाफ धार्मिक उन्माद भड़काने के मामले में भोपाल के साथ ग्वालियर, जबलपुर, नर्मदापुरम और सतना में भी प्राथमिकी दर्ज की गई हैं। इसके अलावा भाजपा नेता और कार्यकर्ता सोशल मीडिया पर भी दिग्विजय सिंह के खिलाफ अभियान चला रहे हैं। वे दिग्विजय सिंह का ट्विटर अकाउंट बंद करवाने की मांग भी कर रहे हैं। उनका तर्क है कि सिंह पहले भी भ्रमित करने वाले ट्वीट कर चुके हैं।
एक लाख एफआईआर दर्ज कर लें, वे डरेंगे नहीं।
उधर कांग्रेसी नेता दिग्विजय सिंह अपनी गलती मानने को तैयार नहीं है। उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर पर दिग्विजय ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह सांप्रदायिक उन्माद के खिलाफ बोलते रहेंगे, भले ही उनके खिलाफ एक नहीं, एक लाख एफआईआर दर्ज हो जाएं। सिंह ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि वह डरने वाले नहीं हैं।
दिग्विजय ने कहा, ‘सांप्रदायिक उन्माद के खिलाफ बोलने पर उनके खिलाफ कितने ही मामले दर्ज हों, उन्हें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। मैंने ट्वीट के माध्यम से सवाल ही तो पूछा है और जो फोटो खरगोन का नहीं था, उसे ‘डिलीट’ कर दिया।’
कांग्रेस ने किया किनारा।
उधर दिग्विजय सिंह के ट्वीट विवाद से प्रदेश कांग्रेस ने किनारा कर लिया है। कमलनाथ से लेकर किसी भी वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ने दिग्विजय सिंह के समर्थन में कुछ नहीं कहा। पूर्व अनुभव ये कहते हैं कि दिग्विजय सिंह के विवादित बयान, कांग्रेस की जड़ों में मट्ठा डाल रहे हैं। शायद यही कारण है कि दिग्विजय सिंह अब कांग्रेस में भी अलग- थलग पड़ते जा रहे है।