आदिवासी महानायकों की जयंती, पुण्यतिथि मनाना बीजेपी का चुनावी एजेंडा- कमलनाथ

  
Last Updated:  December 4, 2021 " 08:10 pm"

भोपाल : मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शिवराज सरकार द्वारा टंट्या भील मामा के बलिदान दिवस पर आयोजित कार्यक्रम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि आज भाजपा आदिवासी वर्ग को लुभाने ,साधने के लिए उनके महानायकों की जयंती , बलिदान दिवस मना रही है , घोषणाएँ कर रही है ,कार्यक्रम आयोजित कर रही है ,यह सिर्फ उसका चुनावी एजेंडा है।
आश्चर्य की बात है कि पिछले 18 वर्षों से प्रदेश में भाजपा की सरकार है , इन 18 वर्षों में भाजपा को आदिवासी वर्ग या उनके महानायकों की कभी याद नहीं आई ? क्या इन महानायकों का जन्म आज हुआ है , जो भाजपा यकायक इन्हें याद करने में जुट गयी है ? रानी कमलापति , बिरसा मुंडा , टंट्या भील , राजा शंकर शाह , कुंवर रघुनाथ शाह , भीमा नायक , रानी दुर्गावती सहित इन सभी महानायकों का वर्षों का अपना गौरवशाली इतिहास है। भाजपा को इतने वर्षों में कभी इनकी याद नहीं आयी ,कभी इनकी जयंती व बलिदान दिवस प्रदेश में भाजपा ने नहीं मनाए। आज भाजपा गौरव दिवस मना रही है और गौरव यात्रा निकाल रही है ?

भाजपा को माफी यात्रा निकालना चाहिए।

वैसे भी भाजपा को आदिवासी वर्ग के महानायकों के गौरव दिवस या गौरव यात्रा निकालने का कोई हक नहीं है , भाजपा को तो माफी दिवस व माफी यात्रा निकालना चाहिए क्योंकि आदिवासी वर्ग इस सच्चाई को जानता है कि मध्य प्रदेश में आदिवासी वर्ग के साथ उत्पीड़न , दमन व अत्याचार की घटनाएं देश में सबसे ज्यादा होती हैं।इसका प्रमाण एनसीआरबी के हाल ही के आंकड़े हैं जो ख़ुद मोदी सरकार ने जारी किए हैं।इस रिपोर्ट के मुताबिक़ आदिवासी वर्ग के साथ उत्पीड़न की घटनाओं में प्रदेश का नाम देश में शीर्ष पर है। मध्य प्रदेश में हाल ही में घटित नेमावर की घटना हो, खरगोन की,नीमच की घटना हो या अन्य घटनाएँ हो , सभी ने देखा कि किस प्रकार आदिवासी वर्ग के साथ अन्याय हुआ। उनका दमन किया गया। आदिवासी वर्ग सड़कों पर आकर इन घटनाओं की सीबीआई जांच की मांग करता रहा , जो शिवराज सरकार ने आज तक नही मानी और ना ही मुख्यमंत्री से लेकर मध्य प्रदेश के किसी भी जिम्मेदार भाजपा नेता ने पीड़ित परिवारों की आज तक सुध ली।

कांग्रेस ने घोषित किया था विश्व आदिवासी दिवस का अवकाश।

कमलनाथ ने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस का अवकाश घोषित किया था। इस दिवस को मनाने के लिए 89 विकास खंडों में 1-1 लाख की राशि भी प्रदान की थी।शिवराज सरकार ने आते ही उस अवकाश को भी निरस्त कर दिया और उस राशि पर भी रोक लगा दी।यह सच्चाई भी आदिवासी वर्ग जानता है।

आदिवासी वर्ग के हितों की योजनाएं बंद कर दी।

कमलनाथ ने कहा कि यह वही शिवराज सरकार है ,जिसने आते ही कांग्रेस सरकार के समय आदिवासी वर्ग के हित के लिए लागू की गई योजनाओं को रोक दिया।कांग्रेस सरकार ने आदिवासी के हित ,उत्थान व कल्याण के लिए उनके जन्म से लेकर मृत्यु तक कई योजनाओं को लागू किया था और कई निर्णय लिए थे।चाहे आदिवासी वर्ग को बर्तनों के लिए राशि देने की बात हो या उनके घर में जन्म व मृत्यु के समय राशन देने की बात हो , उन सब पर भी शिवराज सरकार ने रोक लगा दी।

बीजेपी के चुनावी एजेंडे का हिस्सा है आदिवासी मेगा शो।

भाजपा को वैसे भी आदिवासी वर्ग पर बात करने का कोई हक नहीं है।भाजपा के यह सब आयोजन एक इवेंट व मेगा शो की तरह है जो सिर्फ चुनावी एजेंडे के तहत , वर्ष 2023 में आने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए आदिवासी वर्ग को लुभाने व साधने के लिए किए जा रहे हैं। आदिवासी वर्ग भाजपा की इस सच्चाई को जानता है ,वह उसके झांसे में आने वाला नहीं है।इसलिये आज के इस कार्यक्रम से आदिवासी वर्ग ने दूरी बनायी। भाजपा के कार्यकर्ताओं को आदिवासी वर्ग के नाम पर भीड़ बढ़ाने के लिए कार्यक्रम में बैठाया गया। उपस्थिति के जितने बड़े- बड़े दावे किए गए थे , सब झूठे साबित हुए , यह मेगा इवेंट शो भी भोपाल के जम्बूरी मैदान के मेगा इवेंट शो की तरह ही पूरी तरह से फ़्लॉप रहा।

आदिवासी यह भी भली-भांति जानता है कि कांग्रेस ने ही शुरू से इस वर्ग के हित , उत्थान व कल्याण के लिए काम किया है।स्व.इंदिरा गांधी जी के समय से ही आदिवासी वर्ग के हित में कई उल्लेखनीय निर्णय लिए गए। कई योजनाएं लागू की गई ,इसका फायदा आज तक आदिवासी वर्ग को मिल रहा है।
भाजपा सरकार में तो उनके जल ,जंगल ,जमीन और प्राकृतिक संपदा के अधिकार को भी छीनने का प्रयास लगातार किया जाता रहा है। कई ऐसे उदाहरण सामने हैं कि उन्हें उनके हक से बेदखल करने का काम भाजपा सरकार ने किया है ,उन्हें उनके जल ,जंगल ,जमीन के उनके अधिकार से बेदखली करने का काम किया है।उन्हें कभी अतिक्रमणकारी , कभी वनवासी मान उनका दमन किया जाता रहा है।
आदिवासी के प्रति भाजपा नेताओं के अपमानजनक बयान भी लगातार सामने आते रहे हैं ,भाजपा के कई जिम्मेदार नेता इस वर्ग को लेकर हमेशा अपमानजनक टिप्पणी करते रहते हैं ,आदिवासी वर्ग इस सच्चाई को भी जानता है।

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