सिंधिया के समर्थन में प्रदेश भर में सैकड़ों नेता व कार्यकर्ताओं ने छोड़ा कांग्रेस का दामन

  
Last Updated:  March 10, 2020 " 02:59 pm"

भोपाल : अपने पिता स्वर्गीय माधवराव सिंधिया की जयंती पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस में भूचाल ला दिया। 22 विधायक अब तक कांग्रेस से किनारा कर चुके हैं। सीएम कमलनाथ की सरकार का सत्ता से बेदखल होना तय हो गया है। पूरे मप्र में सिंधिया समर्थकों ने भी कांग्रेस को छोड़ अपने नेता के साथ जाने का फैसला ले लिया है। रंगपर्व होली के मौके पर सिंधिया के दांव ने कांग्रेस, कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के चेहरे बदरंग कर दिए हैं।

प्रदेश में सिंधिया समर्थकों के कांग्रेस से इस्तीफे की लगी झड़ी।

सिंधिया के कांग्रेस से बाहर निकलते ही उनके समर्थक नेता और कार्यकर्ताओं में भी कांग्रेस से त्यागपत्र देने की होड़ मच गई। ग्वालियर, गुना, शिवपुरी सहित समूचे चम्बल संभाग में सैकड़ों सिंधिया समर्थकों ने कांग्रेस से त्यागपत्र दे दिया है।पूर्व विधायक गणेश गौतम भी इनमें शामिल हैं। इसी के साथ मालवा- निमाड़ में बड़ी तादाद में मौजूद सिंधिया समर्थकों ने भी कांग्रेस का दामन छोड़ दिया है।
उज्जैन में पूर्व विधायक राजेन्द्र भारती और उनके समर्थकों ने सिंधिया के समर्थन में कांग्रेस को बाय- बाय कर दिया।

इंदौर में शहर कांग्रेस अध्यक्ष सहित कई नेताओं ने दिए इस्तीफे।

इंदौर में भी सैकड़ों सिंधिया समर्थक नेता व कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस से त्यागपत्र दे दिए हैं। संघर्ष के दिनों में दबंगता के साथ कांग्रेस के लिए जमीनी लड़ाई लड़ने वाले शहर कांग्रेस अध्यक्ष प्रमोद टण्डन ने भी अपने नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया का अनुसरण करते हुए कांग्रेस का दामन छोड़ दिया है। सोनिया गांधी को भेजे अपने इस्तीफे में श्री टण्डन ने लिखा है कि कांग्रेस को प्रदेश में सत्ता दिलाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया को लगातार अपमानित किया जा रहा था। कांग्रेस पार्टी ने उनके योगदान का सही मूल्यांकन नहीं किया। मजबूर होकर उन्होंने इस्तीफा दिया।
टण्डन ने सिंधिया के समर्थन में शहर अध्यक्ष और कांग्रेस की प्राथमिकता से त्यागपत्र देते हुए कहा है कि कांग्रेस के विपक्ष में रहते उन्होंने लगातार जमीनी लड़ाई लड़ी पर सत्ता में आते ही अवसरवादी और सत्ता के दलाल सक्रिय हो गए। उनके जैसे कार्यकर्ताओं को उपेक्षित कर दिया गया। टण्डन ने कहा कि वे और उनके साथी सिंधियाजी के साथ हैं और रहेंगे।

सिलावट समर्थकों ने भी छोड़ी पार्टी।

सिंधियाजी के कट्टर समर्थक मंत्री तुलसी सिलावट इस समय बंगलुरु में हैं। अन्य सिंधिया समर्थक विधायकों के साथ वे अपना त्यागपत्र स्पीकर के पास भिजवा चुके हैं।कांग्रेस से भी उन्होंने इस्तीफा दे दिया है। सिलावट के समर्थक भी मंगलवार को श्री सिलावट के रेसीडेंसी स्थित बंगले पर एकत्रित हुए। इनमें वरिष्ठ नेता प्रकाश तिवारी, सम्भागीय प्रवक्ता मंजूर बेग, अजय सेंगर, नरेंद्र बोरासी, योगेश गेंदर, श्याम सिलावट, महेंद्र शर्मा, राजेश पांडे, दीपक राजपूत, नासिर खान, मनोज मिश्रा, मुमताज़ अहमद, पप्पू शर्मा, राम सिलावट सहित कई नेता व कार्यकर्ता मौजूद रहे। सभी ने ज्योतिरादित्य सिंधिया और तुलसी सिलावट का समर्थन करते हुए कांग्रेस से त्यागपत्र दे दिया। उनका कहना था कि वे श्री सिंधिया और सिलावट के साथ खड़े हैं और हमेशा खड़े रहेंगे।

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