एमवायएच में सामान्य मरीजों का हो इलाज, कोरोना से मुक्त रखें अस्पताल- सुलेमान

  
Last Updated:  June 2, 2020 " 04:40 am"

इंदौर : अतिरिक्त मुख्य सचिव लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा चिकित्सा शिक्षा मोहम्मद सुलेमान की अध्यक्षता में महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज में कोविड-19 के दौरान संचालित चिकित्सा इंतजामों और कोरोना के संभावित पीक समय के लिए की गई तैयारियों की समीक्षा की गई।
समीक्षा बैठक में चिकित्सा शिक्षा के प्रमुख सचिव संजय शुक्ला, इंदौर संभाग आयुक्त आकाश त्रिपाठी, आयुक्त चिकित्सा शिक्षा विभाग निशांत वरवड़े, कलेक्टर मनीष सिंह, ओएसडी आईपीएस अखिल पटेल, चंद्रमौली शुक्ला, एमजीएम कॉलेज की डीन डॉ ज्योति बिंदल, सीएमएचओ डॉ. एमपी शर्मा, एमआरटीबी अस्पताल के प्रभारी डॉ. सलिल भार्गव तथा एमटीएच अस्पताल के प्रभारी डॉ. वी.पी. पांडे आदि उपस्थित थे।

एमवायएच में सामान्य मरीजों का हो इलाज।

एसीएस श्री सुलेमान ने एम वाय अस्पताल को पूर्णतः कोविड-19 संक्रमित मरीजों से मुक्त रखने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि एमवाय अस्पताल में ना केवल इंदौर जिले से बल्कि संभाग से भी सैकड़ों लोग इलाज हेतु आते हैं। अतः उपयुक्त होगा कि अस्पताल में कोविड-19 के अतिरिक्त अन्य सभी मरीजों का इलाज पूर्वानुसार ही चलता रहे।

कोरोना से हो रही डेथ का रिव्यू करें।

श्री सुलेमान ने कोरोना संक्रमण के कारण हो रही मृत्यु का रिव्यू करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हमें इस संक्रमण से होने वाली मौतों को कम करने के प्रयास करने होंगे। उन्होंने बताया कि जिस प्रकार तमिलनाडु राज्य में डेथ परसेंटेज काफी कम है, उसी प्रकार हमें भी इस दिशा में पूर्ण मेहनत से प्रयास करने होंगे।

बैड कैपेसिटी बढ़ाने हेतु प्रपोजल देने के निर्देश।

सरकारी अस्पतालों में बेड की कैपेसिटी से संबंधित विस्तृत प्रपोजल तैयार करके देने का निर्देश भी एसीएस सुलेमान ने दिया जिससे शीघ्र प्रोक्योरमेंट कार्रवाई पूर्ण की जा सके। उन्होंने कहा कि किसी भी दिशा में हमें तैयारी से नहीं चूकना है। उन्होंने कोविड-19 के संबंध में टेस्टिंग क्षमता बढ़ाने के भी निर्देश दिए।

सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में इक्विपमेंट और अन्य व्यवस्थाएं समय सीमा में पूरी करें।

श्री सुलेमान ने कोविड-19 के संभावित पीक समय को ध्यान में रखते हुए समस्त तैयारियों को शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए। सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के निरीक्षण के दौरान उन्होंने जिला प्रशासन तथा संबंधित कॉन्ट्रैक्टर को 15 जून तक समस्त कंस्ट्रक्शन कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए। साथ ही 200 बेड की उपलब्धता एवं अस्पताल हेतु उपकरण और बेड साइड फर्नीचर भी शीघ्र फिक्स करने के निर्देश दिए।

कोरोना के इलाज हेतु प्रस्तावित बेड संख्या 1146 है।

एमजीएम कॉलेज की डीन डॉ ज्योति बिंदल ने बताया कि वर्तमान में एमआरटीवी अस्पताल की बेड केपेसिटी 100 है। जिसमें 10 आईसीयू, 16 एचडीयू एवं 74 ऑक्सीजन फेसेलिटी वाले बेड हैं। इसी प्रकार एमटीएच अस्पताल के 220 बेड में से 40 आईसीयू ,180 एचडीयू तथा न्यू चेस्ट वार्ड में 35 आईसीयू तथा 65 ऑक्सीजन फेसेलिटी बेड हैं। उन्होंने बताया कि, कोविड- 19 के लिए इलाज हेतु प्रस्तावित बेड की संख्या 1146 है।
डॉ. बिंदल द्वारा जानकारी दी गई कि एमआरटीबी कोविड अस्पताल में कुल 13348 मरीजों को देखा गया तथा 3856 व्यक्तियों के सैंपल लिए गए जिनमें से 1041 व्यक्ति कोविड-19 पॉजिटिव पाए गए तथा 425 व्यक्तियों को होम क्वॉरेंटाइन किया गया एवं 616 को अस्पताल में भर्ती किया गया।
बैठक में श्री सुलेमान ने प्लास्टिक की एक्स्ट्रा लेयर वाली पीपीई किट के स्थान पर अल्टरनेट व्यवस्था कराने के निर्देश दिये। डॉ. ज्योति बिंदल ने जानकारी दी कि कोविड संक्रमण के समय सभी सीनियर कंसल्टेंट फ्लोर ड्यूटी कर रहे है। इससे जूनियर डॉक्टर्स का हौसला भी बढ़ा है। उन्होंने बताया कि ऑक्सीजन व्यवस्था हेतु एमआरटीबी, एमटीएच तथा एमवाय अस्पताल में लिक्विड ऑक्सीजन टेंक की व्यवस्था है तथा सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में यह कार्य प्रगति पर है।

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