कमलनाथ पर कैलाशजी का पलटवार बोले ‘अहंकार तो रावण का भी नहीं रहा’

  
Last Updated:  October 25, 2019 " 02:21 pm"

इंदौर : झाबुआ विधानसभा का उपचुनाव जीतने के बाद दिए गए सीएम कमलनाथ के बयान कि ‘बीजेपी उनकी सरकार गिराकर बताए’ पर बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने जोरदार पलटवार किया है। शुक्रवार को इस बारे में मीडियाकर्मियों के सवालों का जवाब देते हुए श्री विजयवर्गीय ने कहा कि सीएम कमलनाथ अहंकार की भाषा बोल रहे हैं। अहंकार तो रावण का भी नहीं रहा। असल में जनता चाहती है कि ये सरकार गिर जाए।

सीएम कमलनाथ ने एक भी वादा पूरा नहीं किया।

कैलाशजी ने कमलनाथ सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि उसने अपना एक भी वादा पूरा नहीं किया है। किसानों के साथ कर्ज माफी के नाम पर छल किया गया। युवाओं को बेरोजगारी भत्ता नहीं मिला, बिजली के बिल हॉफ करने का वादा किया था पर बिजली ही साफ कर दी। कमलनाथ सरकार की इस वादाखिलाफी से जनता में आक्रोश है और वह चाहती है कि यह सरकार चली जाए।

आकंठ भ्रष्टाचार में डूबी है प्रदेश सरकार।

कैलाशजी ने तंज कसते हुए कहा कि जितना बड़ा कमलनाथ सरकार का भ्रष्टाचार है, वही स्थिति प्रदेश की सड़कों में पड़े गड्ढों की है। प्रदेश में तबादला उद्योग चल रहा है। बड़े पदों पर तबादला, पोस्टिंग को लेकर जमकर लेनदेन किया जा रहा है। जिसतरह शेयर बाजार ऊपर- नीचे जाता है उसीतरह ट्रांसफर- पोस्टिंग के रेट रोज बदलते रहते है।

सरकार के खजाने में नहीं मंत्रियों की जेब में जा रहा है पैसा।

श्री विजयवर्गीय ने कमलनाथ सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आर्थिक रूप से ये सरकार कंगाल हो चुकी है। प्रदेश में विकास कार्य ठप हो गए हैं। सरकार के पास कोई विजन नहीं है। ठेकेदारों को बिलों का भुगतान नहीं किया जा रहा है। ऐसा नहीं है कि सरकार के पास पैसा नहीं आ रहा है पर वह पैसा सरकार के खजाने में जाने की बजाय प्रमुख मंत्रियों के निजी खजानें में जा रहा है।

भूरिया को सीएम बना सकते हैं दिग्विजय सिंह।

पत्रकारों के सवाल के जवाब में कैलाशजी ने कहा कि दिग्विजय सिंह कांतिलाल भूरिया को कमलनाथ की जगह मप्र का सीएम बनाने की मांग कर सकते हैं। प्रदेश में आदिवासी सीएम की मांग वे पूर्व में कर चुके हैं।

कांग्रेस में सब एक- दूसरे को निपटाने में लगे हैं।

कैलाशजी ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा कि कांग्रेस में सब एक – दूसरे को निपटाने में लगे हैं। दिग्विजय सिंह को निपटाने के लिए सिंधिया- कमलनाथ एक हो गए और उन्हें चुनाव हरवा दिया। सिंधिया की राह रोकने के लिए कमलनाथ – दिग्विजय ने हाथ मिला लिया। कुल मिलाकर कांग्रेस में हर नेता की अपनी कांग्रेस है जो दूसरे को रास्ते का कांटा समझकर हटाना चाहती है।

नगर- निगम के चुनाव टालना चाहती है सरकार।

कैलाशजी ने कमलनाथ सरकार पर आरोप लगाया कि वह किसी भी तरह नगर निगमों के चुनाव टालना चाहती है। कांग्रेस में चुनाव मैदान में उतरने का सांहस नहीं है। इसलिए वह नए- नए तरीके आजमा रही है। पहले महापौर के चुनाव परोक्ष पद्धति से करवाने का निर्णय लेना और इंदौर- भोपाल में दो नगर निगमों का प्रस्ताव इसी का संकेत है। वे चाहते हैं कि लोग इस तुगलकी निर्णय के खिलाफ कोर्ट में जाए और उन्हें निकाय चुनाव टालने का बहाना मिल जाए।

झाबुआ में बीजेपी का वोट बढा।

श्री विजयवर्गीय ने कहा कि झाबुआ में स्थानीय समीकरण अलग हैं। कुछ स्थानों पर बीजेपी कमजोर रही और उसे हार का सामना करना पड़ा लेकिन पिछले विधानसभा चुनाव के मुकाबले इस बार उसका वोट शेयर बढा है।

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