मिशेल के प्रत्यर्पण ने बढ़ाई कांग्रेस की परेशानी

  
Last Updated:  December 6, 2018 " 11:03 am"

नई दिल्ली: अगस्ता- वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदे के बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल के दुबई से प्रत्यर्पण ने कांग्रेस की बैचेनी बढ़ा दी है। मिशेल फिलहाल 5 दिन की रिमांड पर सीबीआई की हिरासत में है। सीबीआई के अधिकारी लगातार उससे पूछताछ कर रहे हैं। अगस्ता- वेस्टलैंड सौदा मनमोहन सिंह सरकार के कार्यकाल में हुआ था। 36 सौ करोड़ रुपए के इस सौदे में कमीशन दिए जाने की बात इटली की कोर्ट में उजागर हो चुकी है। मिशेल ही वो राजदार है जिसे पता है कि किन भारतीय अधिकारियों और नेताओं को सौदे के एवज में मोटी रिश्वत दी गई थी। इसी बात को लेकर कांग्रेस परेशान है। अगर मिशेल ने कांग्रेस नेतृत्व या पार्टी के किसी बड़े नेता पर उंगली उठा दी तो उसकी मुसीबत बढ़ सकती है। यही कारण है कि कांग्रेस के बड़े नेता सरकार पर हमलावर होने के साथ सीबीआई की विश्वसनीयता पर भी सवाल खड़े कर रहे हैं। यही नहीं मिशेल के प्रत्यर्पण में एनएसए की भूमिका पर भी उन्हें ऐतराज है।
कांग्रेस में फिलहाल हाशिये पर चल रहे दिग्विजय सिंह ने इसकी शुरुआत भी कर दी है। राहुल गांधी की टीम में फिर से अपनी जगह बनाने की कवायद में जुटे दिग्विजय सिंह ने मिशेल के प्रत्यर्पण पर कहा कि सीबीआई उसपर दबाव बनाकर गांधी परिवार का नाम जबरदस्ती उससे बुलवाना चाहती है। पीएम मोदी के हेलीकॉप्टर घोटाले का राजदार हाथ लग गया है वाले बयान पर दिग्विजय सिंह ने कहा कि गांधी परिवार डरता नहीं है और न ही बैकफुट पर आया है। उन्होंने बिचौलिए मिशेल के प्रत्यर्पण में एनएसए की भूमिका पर भी आपत्ति जताई। उनका कहना था की क्या एनएसए को मोदी सरकार ने सुपर कॉप बना रखा है जो हर बात में दखल रखते हैं।
कांग्रेस के एक अन्य नेता सलमान खुर्शीद ने भी अगस्ता मामले में सीबीआई की विश्वसनियता को कटघरे में खड़ा किया है। उनका कहना है कि अगस्ता के जरिये सीबीआई ऐसे चेहरे तलाश रही है जिसके सहारे वो अपनी खोई हुई साख वापस पा सके।
बहरहाल, मिशेल के प्रत्यर्पण से अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले का भूत फिर जिंदा हो गया है। बीजेपी को राफेल की काट अगस्ता के रूप में मिल गई है जिसे मिशन-2019 में भुनाने की तैयारी में वो जुट गई है। केंद्र की सत्ता में लौटने का ख्वाब देख रही कांग्रेस की उम्मीदों को इससे धक्का लग सकता है।

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