इंदौर : बीजेपी के नगर अध्यक्ष गोपीकृष्ण नेमा ने कमलनाथ
के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे को कांग्रेस में चल रहे अंतर्द्वंद का परिणाम बताया है। वे भले ही अपना इस्तीफा देने का ठीकरा भाजपा पर फोड़ रहे हैं, लेकिन प्रदेश की जनता जानती है कि असल बात क्या है ?
नेमा ने मीडिया को जारी किए गए अपने बयान में कहा कि कमलनाथ का मुख्यमंत्री पद पर नहीं रहना प्रदेश के उन वृद्धजनों की बददुआ है, जिनकी तीर्थ दर्शन यात्रा को बंद कर दिया गया था। उन कन्याओं की बददुआ है, जिनकी लाडली लक्ष्मी जैसी सभी योजनाएं बंद कर दी गई थी। बच्चों की दलिया योजना बंद कर दी गई थी, लेकिन आज उन गरीबों की जीत हुई है जिनकी सभी योजनाओं को इस सरकार ने बंद कर दिया था।उन्होंने कहा कि कमलनाथ सरकार के कार्यकाल में जनता त्रस्त हो गई थी। प्रदेश की बदहाली को जनता अच्छे से देख रही थी, और सरकार के अपने ही असंतुष्ट थे। इस बात से यह सिद्ध हो जाता है कि प्रदेश की जनता का अहित करने वाला कभी प्रदेश का मुखिया नहीं हो सकता।
भाजपा कार्यालय में नहीं मना जश्न….
श्री नेमा ने कहा कि कोरोना वायरस 21वीं सदी की सबसे बड़ी महामारी के रूप में सामने आया है, जिसके भयावह रूप का सामना इन दिनों पूरी दुनिया कर रही है। इस महामारी को दृष्टिगत रखते हुए बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा ने 5 दिन पहले पत्र के माध्यम से सभी जिलों के पार्टी कार्यकर्ताओं को निर्देशित करते हुए कहा था कि इस महामारी को दृष्टिगत रखते हुए भारतीय जनता पार्टी अगले 1 माह तक किसी भी तरह के जश्न, आंदोलन, बड़ी बैठकें तथा भीड़ वाले किसी भी कार्यक्रम को आयोजित नहीं करेंगी। उसी को ध्यान में रखते हुए भाजपा कार्यालय पर कमलनाथ सरकार के जाने का जश्न नहीं मनाते हुए कार्यकर्ताओं ने एक-दूसरे को बधाई दी और मिठाई खिलाकर मुंह मीठा कराया।