इंदौर : बीते रविवार को आईपीसी की धारा 151के तहत गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेजे गए नामदेव त्यागी उर्फ कम्प्यूटर बाबा को जमानत मिल गई है। एडवोकेट रविन्द्र कुमार पाठक ने बताया कि गुरुवार को एसडीएम कोर्ट ने 5 लाख रुपए की बैंक ग्यारंटी पर कम्प्यूटर बाबा की जमानत स्वीकार करते हुए उन्हें रिहा करने का आदेश दिया। इसके पूर्व एसडीएम कोर्ट ने उनकी जमानत अर्जी खारिज कर दी थी।
अवैध निर्माण के चलते प्रशासन ने आश्रम पर चलाया था बुलडोजर।
आपको बता दें कि दो माह पूर्व प्रशासन ने कम्प्यूटर बाबा को नोटिस जारी कर अवैध निर्माण हटा लेने को कहा था। बीते रविवार को प्रशासन के अधिकारी नगर निगम के अमले और पुलिस बल के साथ कम्प्यूटर बाबा के आश्रम पहुंचे और आश्रम सहित समूचे अवैध निर्माण को ढहा दिया। कार्रवाई में बाधा डालने के आरोप में कम्प्यूटर बाबा को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया गया था। अदालत ने उन्हें न्यायिक हिरासत में सेंट्रल जेल भिजवा दिया था। बाबा के साथ गिरफ्तार किए गए 6 अन्य लोगों को बुधवार को ही जमानत मिल गई थी।
कांग्रेस ने बताया था बदले की कार्रवाई।
कम्प्यूटर बाबा को अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा की कीमत चुकानी पड़ी। पूर्व की शिवराज सरकार ने उन्हें राज्यमंत्री का दर्जा दिया था। बाद में कांग्रेस की सरकार बनने पर कम्प्यूटर बाबा ने पाला बदल लिया। कमलनाथ सरकार ने नर्मदा घाटी न्यास का अध्यक्ष बनाकर उन्हें राज्यमंत्री का दर्जा दे दिया था। हाल ही में सम्पन्न हुए उपचुनाव के दौरान कम्प्यूटर बाबा ने बीजेपी की शिवराज सरकार के खिलाफ लोकतंत्र बचाओ यात्रा निकाली थी। उसी के बाद वे सत्तारूढ़ दल के निशाने पर थे। कांग्रेस ने कम्प्यूटर बाबा के आश्रम को गिराने और उनकी गिरफ्तारी पर कड़ा एतराज जताते हुए इसे बदले की कार्रवाई बताया था।