करोड़ों का आसामी मांग रहा था भीख, शिविर में लाए गए सौ से अधिक भिक्षुक

  
Last Updated:  March 4, 2021 " 04:59 am"

इंदौर : केंद्र सरकार द्वारा देश के 10 शहरों का चयन भिक्षुक मुक्त किए जाने वाले शहरों के रूप में किया गया है। इनमें इंदौर भी शामिल है। केंद्र सरकार की इसी दीनबंधु पुनर्वास योजना के तहत इंदौर में 24 फरवरी से भिक्षुकों और बेसहारा लोगों के लिए पंजाब अरोड़वंशी धर्मशाला में शिविर का आयोजन किया गया है। शिविर में गोल्ड कॉइन सेवा ट्रस्ट, परम पूज्य रक्षक आदिनाथ वेलफेयर एंड एजुकेशन सोसायटी प्रवेश संस्था, निराश्रित सेवाश्रम एनजीओ के माध्यम से शहर के भिक्षुकों को शिविर में लाया जा रहा है। इन संस्थाओं के कार्यकर्ताओं द्वारा इन भिक्षुकों और बेसहारा लोगों की लगातार काउंसलिंग की जा रही है कि वह भिक्षावृत्ति को छोड़ दें। शिविर में ऐसे भिखारियों को उपचार के लिए अरविंदो हॉस्पिटल भेजा जा रहा है जिन्हें किसी तरह की बीमारी है। शिविर में अब तक 109 ऐसे लोगों को लाया गया है जो या तो भिक्षावृत्ति करते हैं या बेसहारा होकर सड़कों पर रहते हैं। शिविर का अवलोकन करने पर पाया गया कि कई लोगों को परिवार ने नकार दिया जिसके कारण वे सड़कों पर भिक्षावृत्ति करने लगे। शिविर में ऐसे भी भिक्षुक लाए गए हैं जो फर्राटेदार अंग्रेजी बोलते हैं।

करोड़ों की संपत्ति का मालिक मांग रहा था भीख।

शिविर में रमेश यादव नामक एक ऐसे ब्यक्ति भी को लाया गया है जो काफी समय से सड़कों पर भीख मांगता था। लेकिन जब एनजीओ के कार्यकर्ताओं ने इनके परिवारजनों से संपर्क किया और घर गए तो उनकी आंखें खुली की खुली रह गई। रमेश यादव के नाम पर शहर में करोड़ों रुपए की संपत्ति है वहीं रमेश यादव के घर के कमरे में लगभग 4 लाख का इंटीरियर और एसी लगा हुआ है। फिर भी नशे की लत के कारण घरवालों ने इन्हें बेघर कर दिया। शिविर में आए भिखारियों की आवभगत कुछ इस तरह की जा रही है कि जैसे वे किसी बारात में बाराती के रूप में आए हों। एनजीओ के सभी कार्यकर्ता दिन रात उनकी सेवा में लगे रहते हैं । उन्हें दोनों समय स्वादिष्ट भोजन के साथ ही चाय नाश्ता और ज्यूस आदि दिया जा रहा है। एनजीओ के पदाधिकारियों ने बताया कि इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह की पहल पर इस शिविर का आयोजन किया गया है। नगर निगम के अपर आयुक्त अभय राजनगांवकर ने बताया प्रयास किया जा रहा है कि जिन भिक्षुकों के परिवार हैं उन्हें परिवार में पहुंचाया जाए और जो निराश्रित हैं उन्हें विभिन्न आश्रमों में रखा जाएगा। जो लोग कुछ काम कर सकते हैं उन्हें एनजीओ की मदद से किसी काम में लगाया जाएगा। लगभग सभी भिक्षुक और निराश्रित लोग यहां काफी खुश नजर आ रहे हैं।

Facebook Comments

Related Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *