इंदौर : कलेक्टर मनीष सिंह ने कोरोना का इलाज कर रहे प्रायवेट अस्पतालों के संचालकों को हिदायत दी है कि वे मरीजों तथा उनके परिजनों के साथ बेहतर व्यवहार करें। मरीजों को उपलब्ध संसाधनों से बेहतर से बेहतर इलाज उपलब्ध कराएं। अनावश्यक बिलिंग नहीं करें। निर्धारित दर से ही बिल बनाएं। रेमेडिसिविर इंजेक्शन का सही उपयोग करें। जिन मरीजों को जरूरत है, उन्हें ही प्राथमिकता के आधार पर यह इंजेक्शन लगाएं। इस इंजेक्शन का दूरूपयोग तथा अवैध रूप से संग्रहण करने वाले अस्पताल संचालकों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।
कलेक्टर मनीष सिंह ने शनिवार को रेसीडेंसी में प्रायवेट अस्पतालों के संचालकों की बैठक बुलाकर इस आशय के निर्देश जारी किए। बैठक में उन्होंने कहा कि अस्पतालों में ऐसी व्यवस्था की जाए, जिससे मरीज और उनके परिजन परेशान नहीं हो। अस्पताल में आवश्यकता के अनुसार रेमडिसिविर इंजेक्शन मरीजों को लगाए जाएं। जिन मरीजों को यह इंजेक्शन लगाए जा रहे हैं, उनकी सूची दैनिक रूप से संधारित की जाए। यह सूची उसी दिन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय को उपलब्ध कराएं। उन्होंने बताया कि अस्पतालों को दिए गए रेमडिसिविर इंजेक्शन के उपयोग का सत्यापन कराया जाएगा। इसके लिए जिला प्रशासन द्वारा अधिकारियों को अस्पताल वार जवाबदारी दी जाएगी। इंजेक्शन की व्यवस्था के लिए हर अस्पताल में एक वरिष्ठ चिकित्सक को नोडल अधिकारी बनाना होगा। उन्होंने अस्पताल संचालकों से कहा कि वे इस कठिन दौर में जरूरतमंद और पीड़ितों की निस्वार्थ भाव से सेवा करें।