इंदौर : इंदौर नगर निगम वसूली नगर निगम बन गया है। बिना दावे-आपत्ति, सुझाव के जल कर,जलमल और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन सेवाओं के लिए उपभोक्ता प्रभार अधिरोपित करने का फैसला लेने के साथ सार्वजनिक सूचना जारी कर दी। शहर की जनता पर डाले जा रहे आर्थिक बोझ को लेकर शहर की जनता से दावे-आपत्ति और सुझाव लेना तो दूर, शहर के चुने हुए जन प्रतिनिधियों से चर्चा करना भी अधिकारियों ने जरूरी नही समझा।
मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश सचिव राजेश चौकसे, अफसर पटेल,प्रवक्ता अमित कुमार चौरसिया ने बुधवार को जारी बयान में ये बात कही।
बीजेपी सरकार में चुने हुए जनप्रतिनिधियों की कोई पूछपरख नहीं।
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि ऐसा लगता है भारतीय जनता पार्टी की सरकार में चुने हुए जन प्रतिनिधियों का कोई महत्व नही रह गया है। शहर और प्रदेश पूरी तरह अधिकारियों के अधीन हो गया है। कोरोना महामारी की रोकथाम में नाकाम हो रही प्रदेश सरकार के बेतुके निर्णयों से जनता में असंतोष गहराता जा रहा है। नगर निगम द्वारा बढ़ाए गए करों के भारी बोझ से जनता का जीवन दुभर हो जाएगा ।शहर के कई परिवार अपने बच्चों की स्कूल की फीस तक नही भर पा रहे हैं, ऐसे में निगम द्वारा बढ़ाए गए करो के बोझ को जनता कैसे चुका पाएगी ये सोचने की बात है। प्रति परिवार को नए करों के तहत सालाना बीस हज़ार रुपये अधिक देना होंगे। ऐसा प्रतीत होता है कि भाजपा सरकार में लूट तंत्र का बोलबाला है। विकास के नाम पर जनता के जेब पर सीधा डाका डाला जा रहा है। नगर निगम द्वारा बढ़ाये गए करों से गरीब एवं मध्यवर्गीय लोग आर्थिक बोझ तले दब जाएंगे।
चौकसे, पटेल और चौरसिया ने कहा कि वे कांग्रेस पार्टी की ओर से बढ़ाए गए टैक्स को तुरंत वापस लेने की मांग करते हैं। साथ ही शहर की जनता से अपिल भी करते हैं कि इंदौर नगर निगम की हठधर्मिता के खिलाफ लामबंद होकर बढ़े हुए करों का विरोध करें।