केंद्रीय बजट में स्वास्थ्य कल्याण पर जोर, पेट्रोल- डीजल पर कृषि सेस लगाया, मध्यम वर्ग रहा खाली हाथ

  
Last Updated:  February 1, 2021 " 08:50 pm"

नई दिल्ली : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार 1 फरवरी को कोरोना काल के बाद का पहला बजट संसद में पेश किया। वर्ष 2021-22 के इस बजट पर सबकी निगाहें लगी हुई थीं।बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र के आवंटन में 137 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है। अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर के लिए भी कई प्रावधान किए गए हैं।लेकिन नौकरीपेशा मध्यम वर्ग को इस बजट से निराशा हाथ लगी है। इनकम टैक्स छूट की सीमा में बढ़ोतरी नहीं की गई है। टैक्स की दरों में भी कोई बदलाव नहीं किया गया है। 75 वर्ष और उससे अधिक उम्र के बुजुर्ग पेंशनरों को जरूर आईटीआर भरने से छूट दी गई है। अफोर्डेबल हाऊसिंग में खरीददारों को लोन पर डेढ़ लाख रुपए तक की छूट की अवधि को 31 मार्च 2022 तक बढ़ा दिया गया है। बजट में पेट्रोल पर ढाई रुपए और डीजल पर 4 रुपए कृषि सेस लगाने से मध्यम वर्ग पर बोझ बढ़ जाएगा वहीं महंगाई भी तेजी से बढ़ सकती है, क्योंकि परिवहन लागत बढ़ने से जरूरी वस्तुएं महंगी हो जाएंगी।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए केंद्र सरकार द्वारा कोरोना काल में किए गए आर्थिक उपायों पर प्रकाश डाला। उन्होंने केंद्र द्वारा राहत पैकेज और सब्सिडी से जु्डे राहत पैकेजेस के बारे में बताया। बजट में स्वास्थ्य और पर्यावरण पर खास जोर दिया गया है।

वित्तमंत्री ने कहा कि इस बार का बजट आत्म निर्भर भारत पर केंद्रित है।

बजट के मुख्य बिंदु: :-

स्वास्थ्य कल्याण: स्वास्थ्य के लिए 2.23 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान रखा गया है, जो पिछले बजट से 137 प्रतिशत ज्यादा है।

पीएम आत्मनिर्भर स्वास्थ्य योजना।

बजट में पीएम आत्म निर्भर स्वास्थ्य योजना लांच की गई है। इसके लिए 64 हजार 180 करोड़ रुपए का प्रावधान बजट में रखा गया है।

100 देशों को उपलब्ध कराई वैक्सीन।

वित्तमंत्री ने बजट भाषण में बताया कि भारत के पास पहले से दो वैक्सीन हैं। 100 देशों को ये वैक्सीन मुहैया कराई जा रही है। कोविड वैक्सीन के लिए 35 हजार करोड रूपए रखे गए है।

मिशन पोषण 2.0: पोषण के क्षेत्र में काम करते हुए पोषण मिशन चलाया जाएगा। इसके लिए रणनीति बनाई जा रही है, ताकि हर जिले तक इसके लाभ पहुंचें।
पर्यावरण और जल स्वच्छ हों, इसके लिए और उपाय किए जाएंगे। ताकि स्थानीय स्तर पर जल की सुलभ उपलब्धता हो सके।
जल जीवन मिशन् के लिए 2 लाख 87 हजार करोड़ का प्रावधान किया गया है।

शहरी क्षेत्रों में स्वच्छता के लिए गंभीर प्रयास हों यह सरकार की मंशा है। निर्माण के क्षेत्र में होने वाले प्रदूषण को भी नियंत्रित किया जाए। इसके लिए 1 लाख 47 हजार करोड़ रुपए से अधिक राशि रखी गई है।

पब्लिक हेल्थ जानकारी के लिए वेबसाइट लांच की जाएगी।

आत्म निर्भर PLI योजना लांच होगी। इससे निवेश को बढ़ावा मिलेगा।

पुराने वाहनों के लिए स्क्रैप पॉलिसी लाई जाएगी।

नई बीमारियों पर फोकस किया जाएगा। 17 नए पब्लिक हेल्थ सेंटर शुरु होंगे।

ऑटोमेटेड फिटनेस सेंटर बनाए जाएंगे।

परिवहन और राजमार्ग के लिए
पूंजीगत खर्च 4.39 लाख करोड़ रुपए होगा। पूंजीगत खर्च के लिए राज्यों को 2 लाख करोड़ ज्यादा दिए जाएंगे।

एयर क्लीन के लिए 5 साल में 2000 करोड् रुपए का ऐलान।

रोड प्रोजेक्ट के लिए 11000 करोड़ रुपए का आवंटन।

परिवहन मंत्रालय को 1.18 लाख करोड़ रुपए का आवंटन इसके जरिए सड़कों और राजमार्गों के विकास को बढावा मिलेगा। साथ ही ट्रांसपोर्टेशन और सुगम होगा।

भारत मााला प्रोजेक्ट को और आगे बढ़ाया जाएगा। अगले साल 8500 किलोमीटर के रोड प्रोजेक्ट का लक्ष्य।

बंगाल पर खास ध्यान।

बंगाल में नई सडकों के लिए 25 हजार करोड रुपए ।

रेल मंत्रालय को 1 लाख 10 हजार 055 करोड रुपए का होगा आवंटन।

2030 से नई रेल योजना शुरू होंगी।

बॉडगेज के विद्युतिकरण का काम तेज।

टियर वन और टू सिटी के लिए मेट्रो सेवा।

दो तरह की मेट्रो सेवा शुरु होगी-पहली मेट्रो लाइट और दूसरी मेट्रो निओ। दोनों पर काम जारी।
रेलवे में मेक इन इंडिया पर सरकार का जोर रहेगा।

प्रधानमंत्री की भावनाओं के अनुरूप इस साल नेशनल हाइड्रो मिशन की शुरुआत की जाएगी।

बंदरगाहों को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरिशिप से जोडा जाएगा।

बिजली के क्षेत्र में सुधार की व्यवस्था के तहत प्री-पेड मीटर लगाए जाएंगे। ग्राहक अपनी बिजली खुद चुन सकेगा।

-सौर ऊर्जा कॉरपोरेशन के लिए 1 हजार करोड रुपए का प्रावधान।

बीमा क्षेत्र में सरकार के बडे फैसले।

बीमा क्षेत्र में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश अब 74 फीसदी होगा।

डूबे कर्ज की ज्यादा से ज्यादा उगाही होगी, इसके लिए मैनेजमेंट कंपनी बनाई जाएगी। बीमा कंपनियों पर भारतीयों का ही नियंत्रण होगा।

100 नए शहर गैस वितरण में जोड़े जाएंगे। उज्ज्वला योजना से 8 करोड़ परिवारों को दिया गया फायदा। 1करोड़ और लोगों को इस योजना से जोड़ा जाएगा।

सरकारी बैंकों के लिए 20 हजार करोड रुपए दिए जाएंगे।

विनिवेश कानून में संशोधन होगा।

छोटी कंपनियों के लिए पैडअप सीमा बढ़ी।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन को प्रोत्साहन दिया जाएगा।

खेती-किसानी।

गेहूं के मामले में किसानों को वर्ष 2013-14 में 35 हजार करोड से अधिक लेकिन 2021 में किसानों को 75 हजार करोड से अधिक दिए गए। सरकार ने कहा कि हमने पिछली सरकारों से किसानों का अधिक ध्यान रखा।

वित्त वर्ष 2021- 22 में गेहूं के लिए 62 हजार 802 करोड़ रुपए की व्यवस्था।

लागत का डेढ़ गुना एमएसपी।

वित्तमंत्री सीतारमण ने कहा कि किसानों के हित के लिए सरकार लगातार काम करती रही है। सरकार वर्ष 2022 तक किसानों की आय दुगूनी करने के लिए प्रतिबद्ध है। किसानों से सरकारी खरीदी पर अब ज्यादा जोर दिया जाएगा। सरकार की कोशिश किसानों को लागत से डेढ गुना MSP देने की है।

पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन के लिए धनराशि को बढ़ाया गया है।बजट में इसके लिए 40 हजार करोड रुपए रखे गए हैं। वहीं सिंचाई के लिए 5 हजार करोड रुपए का प्रावधान है।

नदियों और अन्य जल निकायों के आसपास भी मत्स्य हार्बर और लेंडिंग फैसिलिटी दी जाएगी।

एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड बनाया जाएगा।

E-NAM से जुडेंगी देश की एक हजार मंडियां।

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