मुम्बई : महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करना केंद्रीय मंत्री नारायण राणे को महंगा पड़ा। उनकी अग्रिम जमानत याचिका रत्नागिरी कोर्ट द्वारा खारिज किए जाने के बाद स्थानीय पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। राणे संभवतः ऐसे पहले केंद्रीय मंत्री हैं, जिन्हें पद पर रहते बन्दी बनाया गया है। उन्हें स्थानीय अदालत में पेश कर रिमांड मिलने पर नासिक ले जाया जाएगा।
राणे ने बॉम्बे हाई कोर्ट में लगाई जमानत अर्जी।
बताया जाता है कि केन्द्रीय मंत्री नारायण राणे ने जमानत के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। इसी के साथ उनके खिलाफ दर्ज तीन एफआईआर भी रद्द करने की मांग हाईकोर्ट से की गई है।
सीएम उद्धव ठाकरे को लेकर राणे ने दिया था अमर्यादित बयान।
केंद्रीय मंत्री नारायण राणे महाराष्ट्र के अलग-अलग हिस्सों में जन आशीर्वाद यात्रा निकाल रहे हैं। पिछले दिनों उनकी यात्रा रायगढ़ के महाड पहुंची थी। वहां पत्रकारों से चर्चा के दौरान नारायण राणे ने उद्धव ठाकरे को लेकर कहा था, ‘यह कैसा मुख्यमंत्री है, जिसको अपने देश का स्वतंत्रता दिवस पता नहीं। मैं वहां होता तो कान के नीचे थप्पड़ लगा देता।’
राणे को केंद्रीय मंत्रिमंडल से बर्खास्त करें पीएम मोदी।
राणे के बयान पर शिवसेना हमलावर हो गई है। मुम्बई सहित पूरे महाराष्ट्र में शिवसैनिक राणे के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। शिवसेना के लोकसभा सांसद विनायक राउत ने पीएम मोदी को खत लिखकर राणे को तत्काल केंद्रीय मंत्री पद से हटाने की मांग की है। राउत ने अपने पत्र में लिखा कि राणे ने पत्रकार परिषद में प्रदेश के सीएम के लिए जिस भाषा का इस्तेमाल किया वह बेहद निंदनीय है। उन्हें अपने पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।
मैने कोई अपराध नहीं किया- राणे
उद्धव ठाकरे पर अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करने पर राणे के खिलाफ मुंबई में कई जगह एफआईआर दर्ज हुई हैं। उधर राणे का कहना है कि मैंने कोई अपराध नहीं किया है। अगर किसी को 15 अगस्त के बारे में नहीं पता तो क्या यह अपराध नहीं है। मैंने कहा कि मैं थप्पड़ मारता- ये शब्द थे मेरे और यह अपराध नहीं है।’