केन- बेतवा परियोजना के भूमिपजन के लिए सीएम शिवराज ने पीएम मोदी को दिया न्योता

  
Last Updated:  February 4, 2022 " 12:00 pm"

इंदौर : मुख्यमंत्री ने शिवराज सिंह ने दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भेंट कर केन-बेतवा लिंक परियोजना के लिए राशि स्वीकृत करने पर मध्यप्रदेश की जनता की ओर से उन्हें धन्यवाद दिया। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को केन-बेतवा नदी परियोजना के भूमि-पूजन कार्यक्रम में पधारने का भी अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री चौहान ने प्रधानमंत्री मोदी से भेंट के बाद मीडिया से चर्चा में बताया कि उज्जैन में महाकाल मंदिर परिसर के विस्तार, इंदौर में “वेस्ट टू वेल्थ” अंतर्गत गीले कचरे से सीएनजी बनाने के प्लांट व महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा संचालित किए जाने वाले 7 पोषण आहार प्लांट के लोकार्पण में पधारने का निवेदन भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से किया है।

केन- बेतवा परियोजना से 10 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होगी।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि इस वर्ष के बजट में केन और बेतवा नदियों को जोड़ने के लिए 44 हजार करोड़ रुपये से अधिक की राशि स्वीकृत की गई है। इन दोनों नदियों को जोड़कर जो बांध बनेंगे, उससे लगभग 10 लाख हेक्टेयर भूमि में सिंचाई होगी और 50 लाख लोगों को पीने का पानी मिलेगा। इससे मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश में आने वाला बुंदेलखण्ड क्षेत्र लाभान्वित होगा। प्रधानमंत्री मोदी के इस निर्णय से बुंदेलखण्ड की जनता में हर्ष है।

महाकाल मंदिर परिसर के विस्तार का कार्य अप्रेल अंत तक।

मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि उज्जैन में महाकाल मंदिर परिसर के विस्तार का कार्य पूर्णता की ओर है। लगभग अप्रैल अंत तक कार्य पूरा हो जाएगा।

इंदौर में कचरे से बन रही सीएनजी।

प्रधानमंत्री मोदी की प्रेरणा और मंत्र पर अमल करते हुए इंदौर में “वेस्ट टू वेल्थ” अंतर्गत गीले कचरे से सीएनजी बनाने का प्लांट निर्मित किया गया है। इससे सीएनजी बनेगी और 550 मीट्रिक टन कचरे का निपटारा हो सकेगा।

7 पोषण आहार प्लांट किए जा रहे स्थापित।

मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि प्रदेश में पूर्व में पोषण आहार बनाने का काम कान्ट्रेक्टर करते थे। अब इस काम को महिला स्व-सहायता समूह कर रहे हैं। इसके लिए सेल्फ हेल्प ग्रुप के 7 पोषण आहार प्लांट का निर्माण किया जा रहा है। इनके उद्घाटन के लिए प्रधानमंत्री मोदी से आग्रह किया गया है।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बताया कि प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में गाँव का जन्म-दिन मनाने के लिए ग्रामवासियों को प्रेरित किया जा रहा है । विचार यह है कि एक दिन गाँव के सभी लोग एकत्रित होकर गाँव का जन्म-दिन मनाएंगे। सभी लोग मिलकर गाँव के विकास की कार्य-योजना तय करेंगे और उसके क्रियान्वयन के लिए रणनीति बनाएंगे।

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