केंद्र सरकार डिजिटल माध्यमों पर कसे लगाम ।
इंदौर : संस्था संस्कार भारती मालवा प्रांत के पदाधिकारियों ने विभिन्न डिजिटल माध्यमों पर प्रसारित हो रहे हास्य आधारित कंटेंट में परोसी जा रहीं अश्लीलता पर गंभीर चिंता जताई है। उनका कहना है कि ऐसे कंटेंट युवाओं को भटकाकर उन्हें गलत रास्ते पर धकेल रहे हैं। इस तरह के कंटेंट पर सरकार को रोक लगानी चाहिए।
संस्था के मालवा प्रांत की अध्यक्ष कल्पना झोकरकर,प्रो. राजीव शर्मा और वरिष्ठ रंगकर्मी किरण शानी का कहना था कि डिजिटल प्लेटफॉर्म पर प्रसारित कॉमेडी कंटेंट सशक्त सामाजिक सुधारों का माध्यम बन सकते हैं पर जल्दी प्रसिद्धि पाने की होड़ में हास्य के नाम पर अशोभनीय भाषा का इस्तेमाल कर द्विअर्थी और घोर आपत्तिजनक कंटेंट परोसे जा रहे हैं। यही नहीं धर्म, जाति व राष्ट्रीय मूल्यों की अवमानना भी की जा रही है, जो घोर आपत्तिजनक है।अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की आड़ में कई कलाकार जानबूझकर या अनजाने में धार्मिक प्रतीकों का उपहास करते हैं।राष्ट्रनायकों की आलोचना करते हैं और सामाजिक प्रथाओं का मजाक उड़ाते हुए सस्ती लोकप्रियता पाने का प्रयास करते हैं।
ऐसे अनेक कॉमिक सेगमेंट देखे गए है जहाँ केवल गालियो, यौन संकेतों और सांप्रदायिक टिप्पणियों के सहारे हँसी बटोरने का प्रयास किया जाता है। यह प्रवृत्ति युवा दर्शकों में संवेदनशीलता, सहिष्णुता और सांस्कृतिक सम्मान की भावना को क्षीण करती है और उनके भविष्य को बर्बाद करने का काम कर रही है। हास्य के नाम पर की जा रही अश्लीलता को तुरंत प्रभाव से रोकने की जरूरत है। केंद्र सरकार को इस दिशा में कड़े कदम उठाने चाहिए।