इंदौर : कोरोना संक्रमण की ताजा लहर आम लोगों का जीना मुश्किल किए हुए है। संक्रमितों की तादाद लगातार बढ़ रही है। जिस तेजी से संक्रमण बढ़ रहा है, सरकारी और निजी संसाधन उसके मुकाबले कमतर साबित हो रहे हैं। इसीलिए बेड, ऑक्सीजन और आवश्यक दवाइयों की कमी हो रही है। आपदा में अवसर तलाशने वाले कथित भेड़िए इस हालात का फायदा उठाकर दवाइयों की कालाबाजारी पर उतर आए हैं। कतिपय राजनेता इस आपदा में अपनी राजनीतिक जमीन मजबूत करने में जुटे हैं जबकि जरूरत मिलकर इस महामारीं से लड़ने की है। खैर, आंकड़ों की बात करें तो शुक्रवार 16 अप्रैल को भी संक्रमित मामलों की ग्रोथ रेट 18 फ़ीसदी के करीब रही। 16 सौ से ज्यादा नए संक्रमित मिले वहीं 7 मरीजों ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया।
1656 नए संक्रमित मिले।
शुक्रवार को 6152 आरटी पीसीआर और 3032 रेपिड एंटीजन सैम्पल लिए गए। 9142 की टेस्टिंग की गई। 7312 निगेटिव पाए गए। 1656 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। 174 सैम्पल जांच योग्य न होने से खारिज किए गए।
10 लाख 36 हजार से ज्यादा की जांच।
मार्च 2020 से आज दिनांक तक कुल 10 लाख 36 हजार 763 सैम्पलों की जांच की गई है। 87625 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई । इनमें 75 हजार से ज्यादा ठीक भी हुए हैं।
721 किए गए डिस्चार्ज।
कोरोना संक्रमितों की तादाद भले ही तेजी से बढ़ रही हो लेकिन ठीक होनेवालों की संख्या भी बढ़ रही है। शुक्रवार को 721 मरीज डिस्चार्ज किए गए। इन्हें मिलाकर कोरोना को पटखनी देने वालों की तादाद बढ़कर 75980 हो गई है। 10605 का इलाज चल रहा है।
7 मरीजों की मौत की पुष्टि।
ये सही है कि कोरोना संक्रमण से मरने वालों की संख्या सैकड़ों में हैं। मुक्तिधाम और कब्रिस्तान के आंकड़े इसकी गवाही दे रहे हैं, पर प्रशासन कुछ ही मौतों की पुष्टि कर रहा है। शुक्रवार को 7 मरीजों की कोरोना से मौत की पुष्टि की गई। इन्हें मिलाकर अबतक कुल 1040 मरीजों की मौत (एक साल में )कोरोना संक्रमण से होने की बात प्रशासन कह रहा है।