इंदौर : कोरोना संक्रमण से बिगड़े हालात, खासकर राजधानी भोपाल व इंदौर में जिसतरह से संक्रमण बढ़ रहा है, उसे देखते हुए शांति मंच इंदौर की याचिका पर म.प्र हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस संजय द्विवेदी की पीठ ने गुरुवार को सुनवाई की। याचिकाकर्ता के वकील अभिनव धनोतकर ने बताया कि ऑनलाइन सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने सोमवार 26 अप्रैल को मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस को एडवोकेट जनरल के साथ उपस्थित रहने के आदेश दिए हैं।
हाईकोर्ट के आदेश का नहीं हो रहा पालन।
एडवोकेट अभिनव धनोतकर के मुताबिक 19 अप्रैल को छह याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए जबलपुर हाईकोर्ट ने मप्र सरकार को विस्तृत दिशा- निर्देश दिए थे, जिसमें ऑक्सीजन और रेमडेसीवीर की पर्याप्त आपूर्ति सभी कोविड अस्पतालों में सुनिश्चित करने को कहा गया था। इसके अलावा उद्योगों को ऑक्सीजन की आपूर्ति रोककर अस्पतालों को देने और कोविड केअर सेंटरों को फिर से खोलने के लिए भी कहा था। एडवोकेट धनोतकर के अनुसार हाईकोर्ट द्वारा दिए गए दिशा- निर्देशों का पालन नहीं हो रहा है। हालात दिन- प्रतिदिन भयावह हो रहे हैं।
याचिका में ये की गई है मांग।
शांति मंच समिति की ओर से जबलपुर हाईकोर्ट में दायर याचिका में मांग की गई है कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण के भयावह हालात को देखते हुए हाईकोर्ट प्रतिदिन हालात की समीक्षा करे और स्टेटस रिपोर्ट तलब करे ताकि कोरोना संक्रमण से जनता को राहत मिल सके।
बता दें कि बीते कुछ दिनों से बेड, ऑक्सीजन और कोरोना के उपचार में जरूरी इंजेक्शन की कमी हो रही है। समय रहते इलाज नहीं मिलने से मौतों का आंकड़ा भी बढ़ गया है। तमाम प्रयासों के बावजूद शासन- प्रशासन हालात को संभालने में विफल साबित हो रहे हैं। ऐसे में न्यायपालिका ही अब उम्मीद की किरण बन गई है। उसके हस्तक्षेप के बाद हालात में कुछ सुधार आए यही अपेक्षा सब कर रहे हैं।