इंदौर : कोरोना की विभीषिका को हम सभी ने अपनी आंखों से देखा और महसूस किया है। कोरोना के प्रकोप ने सैकड़ों बच्चों के सिर से मां- बाप का साया छीन लिया। किसी की मां चली गई तो किसी के पिता नहीं रहे। कई बच्चे तो ऐसे हैं जिनके माता- पिता दोनों को कोरोना ने अपना शिकार बना लिया। कोरोना का वो भयावह दौर तो बीत गया पर बच्चों के भविष्य पर बड़ा सवालिया निशान खड़ा कर गया। घर में कमाने वाला ही नहीं बचा तो इन बच्चों की शिक्षा कैसे पूरी होगी, उनका खर्च कौन उठाएगा ये एक बड़ा सवाल था।
ऐसी विषम परिस्थिति में सांसद शंकर लालवानी ने सही मायनों में जनप्रतिनिधि होने का फर्ज निभाया। उन्होंने ऐसे सभी बच्चे जिनके पिता को कोरोना ने छीन लिया, की स्कूल फीस का इंतजाम करने का बीड़ा उठाया। कलेक्टर मनीष सिंह, समाजसेवी अनिल भंडारी, सावन लड्ढा, विशाल गिदवानी, केतन भंडारी सहित कई विशिष्टजन उनके साथ इस प्रकल्प में जुड़ गए। इस बीच सांसद लालवानी की पत्नी जो अस्पताल में भर्ती होकर कैंसर से जूझ रही थी, का निधन हो गया। शोक की इस घड़ी में भी सांसद लालवानी ने इन बच्चों की चिंता की और उनकी मदद के प्रयासों को रुकने नहीं दिया।
235 बच्चों को वितरित किए गए स्कूल के पत्र व चेक।
रविवार को जाल सभागृह में आयोजित समारोह में ऐसे 235 स्कूली बच्चों को फीस सम्बन्धी सर्टिफिकेट व चेक प्रदान किए गए। सांसद शंकर लालवानी और कलेक्टर मनीष सिंह ने बच्चों व उनके साथ आए परिजनों को ये सर्टिफिकेट व चेक वितरित किए।
बच्चों व उनके परिजनों के लिए था भावुक पल।
बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित परिजनों के लिए यह भावुक कर देने वाला पल था। उन्हें यह चिंता सताए जा रही थी कि जब जब घर का दैनंदिनी खर्च चलाना ही मुश्किल हो रहा है तो बच्चों की स्कूल फीस का इंतजाम कैसे होगा। रविवार को जब उन्हें सांसद लालवानी और कलेक्टर मनीष सिंह ने बच्चों की फीस के चेक सौंपे तो उनकी आंखें सजल हो उठी। कई बच्चों व उनके परिजनों ने सांसद लालवानी को इसके लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि पिता के साये से वंचित इन बच्चों के सपने अब पूरे हो सकेंगे। उन्हें अपनी पढ़ाई बीच में नहीं छोड़नी पड़ेगी।
एक करोड़ रुपए की राशि की गई वितरित।
सांसद शंकर लालवानी ने बताया कि कोरोना की पहली व दूसरी लहर में जिन परिवारों ने अपने कमाऊ सदस्य को खोया है, उनके बच्चों की पढ़ाई फीस के कारण बाधित न हो इसी उद्देश्य को लेकर सांसद सेवा प्रकल्प शुरू किया गया है। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन मंगवाए गए थे। करीब 550 आवेदन प्राप्त हुए थे। विशेषज्ञों की एक समिति ने प्राप्त आवेदनों की जांच पड़ताल कर बच्चों की सूची तैयार की थी। इसके बाद स्कूल संचालकों की बैठक लेकर उनसे इन बच्चों की फीस माफ करने का अनुरोध किया था। किसी ने 25 तो किसी ने 50 फीसदी तक फीस में छूट देने पर सहमति जताई। उसके बाद जो राशि शेष रही वह सांसद सेवा प्रकल्प के माध्यम से दी गई है। सांसद लालवानी ने बताया कि 95 स्कूलों के 235 बच्चों की फीस के रूप में करीब एक करोड़ रुपए की राशि उपलब्ध कराई गई है। बच्चे जिस स्कूल में पढ़ते हैं, उसी स्कूल का पत्र और चेक बच्चों को दिए गए हैं। सांसद लालवानी ने बताया कि इस सेवा प्रकल्प में शहर के सामाजिक, स्वयंसेवी, व्यापारिक, धार्मिक संगठनों, समाजसेवियों, कारोबारियों ने हाथ बंटाया है। फिलहाल बच्चों की एक साल की फीस जमा की गई है। आनेवाले समय में भी इन बच्चों को मदद मिलती रहे इस बात का प्रयास किया जाएगा।
छात्रवृत्ति और कॉपी- किताबों का भी कर रहे इंतजाम।
सांसद लालवानी ने कहा कि फीस के साथ इन बच्चों को सक्षम लोगों के जरिए छात्रवृत्ति दिलाने के भी प्रयास किए जा रहे हैं। कई लोग इसके लिए आगे आए हैं। इसी के साथ इन बच्चों को कॉपी- किताब भी उपलब्ध कराए जाएंगे।
महिलाओं को देंगे ट्रेनिंग व रोजगार।
सांसद शंकर लालवानी ने कहा कि कोरोना के कारण घर का कमाई करने वाला सदस्य चला जाने से ऐसे घरों में आर्थिक संकट भी गहरा गया है। इसके चलते घर की महिलाओं को रोजगारपरक प्रशिक्षण देने की व्यवस्था भी की जा रही है। प्रशिक्षण के बाद वे चाहें तो सम्बंधित उद्योग में उन्हें नौकरी दिलाई जाएगी अथवा वे स्वरोजगार भी शुरू कर सकती हैं। इसके लिए उद्योगपतियों से चर्चा की जा रही है।
शासन स्तर पर भी दिलाई जा रही मदद।
कलेक्टर मनीष सिंह ने कहा कि सांसद सेवा प्रकल्प से वे व्यक्तिगत तौर पर जुड़े हैं। मानवता की सेवा में इंदौर हमेशा आगे रहा है। लोग स्वेच्छा से इस प्रकल्प से जुड़ रहे हैं। जिन बच्चों ने कोरोना के कारण अपने परिजन को खोया है, उनकी फीस के साथ अन्य प्रकार से भी मदद की जा रही है। आगे भी इन बच्चों की पढ़ाई में व्यवधान न आए इसका ध्यान रखा जाएगा। कलेक्टर मनीष सिंह ने कहा कि शासन स्तर पर भी जिन बच्चों ने अपने माता- पिता दोनों को खोया है, उन्हें 5 हजार रुपए महीना छात्रवृत्ति व मुफ्त राशन आदि लाभ दिया जा रहा है।
बेहद सादगी भरे इस कार्यक्रम का संचालन समाजसेवी अनिल भंडारी ने किया। आभार सावन लड्ढा ने माना। अंत में कोरोना से बच्चों के दिवंगत हुए के परिजनों के साथ सांसद लालवानी की धर्मपत्नी स्व. अमिता लालवानी को भी दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धासुमन अर्पित किए गए।