सरकार भ्रष्टाचार पर लीपापोती का प्रयास कर रही है।
पंचायत से लेकर मंत्रालय तक भ्रष्टाचार का है बोलबाला।
प्रभावितों को मिले तत्काल मुआवजा।
धार : मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ मंगलवार को धार ज़िले की धरमपुरी तहसील में कारम नदी पर बने क्षतिग्रस्त बांध को देखने पहुंचे। उन्होंने क्षतिग्रस्त बांध का अवलोकन किया।
प्रभावित परिवारों से की मुलाकात।
बांध का अवलोकन करने के बाद बरसते पानी के बीच उन्होंने धार ज़िले की धरमपुरी तहसील के दूधी गांव में पहुंचकर प्रभावित ग्रामीण जनों से बातचीत की , उनका हाल जाना और हकीकत की जानकारी ली।
प्रभावित किसानों ने कमलनाथ को बताया कि इस आपदा में उनकी फसल बह गई है। घर बह गए हैं। खेत की मिट्टी भी बांध के पानी के साथ बह गई है , खेतों में पानी में बहकर पत्थर आ गये है , जिससे अब खेती करना भी मुश्किल होगा।
हम अभी भी पहाड़ों व जंगलो में रह रहे हैं।
प्रभावितों के अनुसार सरकार ने अभी तक कोई सर्वे कार्य शुरू नहीं किया है, ना हमें कोई मुआवज़ा मिला है , ना हमारी कोई सुध लेने अभी तक आया है।
घटिया निर्माण की शिकायत पर ध्यान नहीं दिया।
कमलनाथ के अनुसार प्रभावित ग्रामीणों व जनप्रतिनिधियों ने उन्हें बताया कि इस बांध के निर्माण में भ्रष्टाचार व घटिया निर्माण की उन्होंने कई शिकायतें की लेकिन सारी शिकायतों को अनदेखा किया गया , जिसके चलते यह स्थिति बनी।
सरकार भ्रष्टाचार पर कर रही लीपापोती।
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने जाँच कमेटी पर सवाल उठाते हुए कहा कहा कि जो जिम्मेदार लोग हैं , उन्हीं की कमेटी बनाकर सरकार इस पूरे भ्रष्टाचार पर लीपापोती का प्रयास कर रही है।
शिवराज सरकार के भ्रष्टाचार का बांध फूटा है।
नाथ ने मीडिया से चर्चा में बताया कि यह बांध भाजपा सरकार के भ्रष्टाचार की निशानी है , उनकी एक बड़ी लापरवाही है।मैं ख़राब मौसम के बावजूद यहाँ आया हूँ , यह देखने कि किस प्रकार शिवराज सरकार के भ्रष्टाचार का बांध फूटा है।Vइसके कारण कई बेकसूर लोगों को प्रभावित होना पड़ा है। कई प्रभावित लोगों की जीवन रेखा इससे समाप्त हो चुकी है। मैने देखा कि किस प्रकार से यह बांध मिट्टी से बना हुआ है।
हर ठेके में भ्रष्टाचार है।
कमलनाथ के मुताखिक अपनी सरकार में उन्होंने ई-टेंडर को लेकर कार्रवाई शुरू की थी, इस बीच उनकी सरकार गिरा दी गयी।आज मध्यप्रदेश में भ्रष्टाचार की बाढ़ आयी हुई है।इससे हर वर्ग प्रभावित है। आज हर ठेके में भ्रष्टाचार है।जब तक भ्रष्टाचार ना हो, सौदा पूरा नहीं होता है।
आज इतनी सारी योजनाएँ रुकी पड़ी हैं क्योंकि दलाली का सौदा पूरा नहीं हुआ है।
सरकार ने प्रभावितों की सुध नहीं ली।
कमलनाथ ने कहा कि इस बांध से धार के 12 और खरगौन के 8 गाँव प्रभावित हुए हैं, ज़्यादातर आदिवासी गाँव है। उन्होंने कहा कि वे कई प्रभावित किसानों से मिले जिनकी फसल बह गयी है , घर , बह गए हैं, ये किसान इधर – उधर भटक रहे है। सरकार ने इनके लिए कोई प्रबंध नहीं किए।
पूरे प्रदेश में भ्रष्टाचार की दीमक लग गई है।
कमलनाथ ने शिवराज सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि यह बांध सबूत है कि किस प्रकार पूरे प्रदेश में भ्रष्टाचार की दीमक लग गई है। यह दीमक नौजवानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। हर ज़िले में भ्रष्टाचार की व्यवस्था इन्होंने बनायी हुई है। पंचायत से लेकर मंत्रालय तक यह व्यवस्था बनी हुई है।आज हर ठेके में 30-40% कमीशन का खेल चल रहा है। प्रदेश भ्रष्टाचार की पटरी पर चल रहा है।
प्रदेश का भविष्य बहुत बड़े ख़तरे में है।
कमलनाथ ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार सिर्फ़ नाटक- नौटंकी और इवेंट से जनता का ध्यान मोड़ने में लगी हुई है। लोग बर्बाद हो गए इस पर बात नहीं करेंगे, यह बचाने की बात करेंगे। सीएम शिवराज जब तक झूठ नहीं बोल ले , इवेंट , नाटक-नौटंकी ना कर ले, उनका पेट नहीं भरता।
हमारी सरकार आने पर किसी को नहीं बख्शेंगे।
कमलनाथ ने कहा कि हमारी सरकार आने पर हम किसी को भी छोड़ेंगे नहीं। हमने अपने कार्यकाल में एक विश्वास का चेहरा बनाने का प्रयास किया था।
सभी ने देखा कि किस प्रकार भाजपा ने जनपद , पंचायत व निकाय चुनावों में पैसे , पुलिस , प्रशासन का दुरुपयोग किया।
इसकी इन्हें आवश्यकता क्यों पड़ी ? क्योंकि ये जानते है कि ये जनसमर्थन खो चुके है। आप किसी का वोट ख़रीद सकते है लेकिन उसकी आत्मा , उसका ज़मीर नहीं ख़रीद सकते है।
सभी जानते है कि इस बांध की मुख्य निर्माण कंपनी दिल्ली की थी , पेटी कांटैक्ट किसी और को दिया , यह सब पहले से ही तय था।उस सार्थक कम्पनी का मालिक कौन , पार्ट्नर कौन , इसका भी जल्द खुलासा होगा।
इन्होंने नर्मदा पौधारोपण से लेकर , व्यापम , ई-टेंडर , अस्पताल , नर्सिंग कालेज , आयुष्मान योजना सभी में भ्रष्टाचार किया।
मुआवजा जल्द से जल्द मिले।
हमारी माँग है कि जब सारी सच्चाई सामने है तो फिर अभी तक मुआवज़ा क्यों नहीं , किस बात का सर्वे ? सर्वे भी होगा तो ख़राब फसलों का होगा , जो ज़मीन ख़राब हो गयी है , घर बह गए हैं, उसका क्या होगा ? हमारी सरकार द्वारा लाए क़ानून के मुताबिक़ चार गुना ज़मीन का मुआवज़ा दिया जाए और सारा मुआवजा सीमित समय में दिया जाए। हमारी सरकार के समय जब नीमच- मंदसौर में बाढ़ आयी थी तो हमने एक सप्ताह में मुआवज़ा दिया था। भाजपा सरकार में तो पहले मुआवज़े की फ़ाइल में भी भ्रष्टाचार की तरकीब निकाली जाती है।
इस मामले में तत्काल प्रकरण दर्ज हो , गिरफ़्तारी हो , भ्रष्टाचार की जाँच हो , प्रभावितों को फसल , घर , ज़मीन सभी का मुआवज़ा मिले। प्रभावित लोगों की मदद के लिए कांग्रेस सड़क से लेकर विधानसभा तक आवाज़ उठायेगी और उनकी हर संभव मदद करेगी।