इंदौर : संसार में कुछ भी स्थायी नहीं है। जो आया है उसे जाना ही है। कोरोना महामारी भी आई और जल्द ही चली जाएगी। इस दौरान बुरा भी हुआ तो बहुत कुछ अच्छा भी हुआ। चलो बीस तो बीत गया अब हमें इक्कीसा बनना है। कोरोना काल में जिन योध्दाओं ने पीड़ित मानव की सेवा का जो कार्य किया उससे ऐसा महसूस हुआ कि ये सभी भगवान की विभूति के रूप में कार्य कर रहे थे।
यह बात शान्ति कुन्ज हरिद्वार की प्रेरणा से गायत्री परिवार मनावर व इंदौर तथा प्रेस क्लब इंदौर के सौजन्य से आयोजित कोरोना योध्दाओं के सम्मान समारोह में उज्जैन से पधारे संत श्रीकृष्ण देव शरण जी ने कही।
इंदौर प्रेस क्लब के माथुर सभागृह में बड़ी संख्या में उपस्थित कोरोना योध्दाओं व उपस्थित नागरिकों को सम्बोधित करते हुए संत श्री कृष्ण देव ने कहा कि परमात्मा जब मानव जीवन में संघर्ष देता है तो बहुत निष्ठुर प्रतीत होता है लेकिन जब संघर्ष से हम उबरते हैं तो हमारे अंदर विशेष मनोबल व शक्ति का संचार होता है। कोरोना काल भी ऐसा ही एक संघर्ष के रूप में आया। यह भी समाप्त हो जाएगा। कोरोना ने वसुधैव कुटुंबकम का सिद्घांत सिखाया। इस दौरान स्वार्थपरकता व संकीर्णता को त्याग मानव ने पीड़ित मानव की जो सेवा की, वह वाकई अद्भुत है। अभी तक हम मंदिरों मे प्रतिमाओं व घरों में चित्रों को देख कर ही उसे भगवान समझते थे लेकिन कोरोना काल में जिन्होने सेवा कार्य किया वे भी भगवान का ही एक स्वरुप थे।
प्रारम्भ में देव कन्याओं
द्वारा प्रस्तुत मंगल गान, गुरुदेव व माताजी के चित्रों का पूजन व दीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई। इसके बाद मीडियाकर्मियों, चिकित्सकों व समाजसेवियों के रूप मे कोरोना योध्दाओं को स्मृति चिन्ह व प्रशस्ति पत्र देकर संत श्री कृष्ण देव जी, प्रेस क्लब अध्यक्ष अरविंद तिवारी, सांसद शंकर ललवानी, पुष्पा रमेश खंडेलवाल, विनीता प्रशांत खंडेलवाल व गायत्री परिजनों ने सम्मानित किया। इस आयोजन में गायत्री परिवार इंदौर के सभी सदस्यों का सराहनीय सहयोग रहा। संचालन ओम प्रकाश अग्रवाल ने किया। आभार माना हरिओम मौर्य ने।
गायत्री परिवार ने किया कोरोना योद्धाओं का सम्मान
Last Updated: January 5, 2021 " 08:04 pm"
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