नाना महाराज संस्थान में मनाया जा रहा दो दिवसीय गुरु पूर्णिमा महोत्सव।
देशभर से आ रहे भक्तजन ब्रह्मलीन संतश्री नाना महाराज की चरण पादुकाओं का कर रहे दर्शन पूजन।
पहले दिन करुणा त्रिपदी, कीर्तन, शास्त्रीय गायन और वादन के हुए आयोजन।
इंदौर : शहर में गुरु पूर्णिमा उत्सव मनाने की शुरुआत हो गई है। विभिन्न मठ, मंदिरों, गुरुकुल और आश्रमों में भजन, प्रवचन, नाम दीक्षा और पाद पूजन का सिलसिला भी शुरू हो गया है।
स्नेहलतागंज स्थित नाना महाराज तराणेकर संस्थान में दो दिवसीय गुरुपूर्णिमा महोत्सव शनिवार से प्रारंभ हुआ। इंदौर व आसपास के जिलों के साथ महाराष्ट्र से बड़ी संख्या में भक्तजन यहां पहुंचने लगे हैं। स्व. संत श्री नाना महाराज की मूर्ति और गादी के दर्शन के साथ भक्तजन उनकी चरण पादुकाओं का पूजन कर अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति की कामना कर रहे हैं। नाना महाराज की परंपरा को आगे ले जा रहे पूज्य बाबासाहब तराणेकर का पादपूजन कर भक्त उनका आशीर्वाद भी ग्रहण कर रहे हैं।
नाना महाराज के पोते और उनकी गादी के वारिस बाबासाहब ने बताया कि संतश्री नाना महाराज तराणेकर मूल रूप से उज्जैन के तराना गांव के निवासी थे। 75 वर्ष पूर्व वे इंदौर आ गए। उन्हें भगवान दत्तात्रेय का इष्ट था। भक्तजन उनके पास अपनी समस्याएं लेकर आते थे और वे उनका आध्यात्मिक ज्ञान व सिद्धि के जरिए समाधान करते थे। नाना महाराज में आस्था रखने वाले देश विदेश में लाखों की संख्या में शिष्य और भक्तगण हैं।उन्होंने ही 100 वर्ष पूर्व गुरु पूर्णिमा महोत्सव की शुरुआत की थी। तब से लेकर आज तक नाना महाराज संस्थान में इसे निभाया जा रहा है। देशभर से हजारों भक्त इसमें शामिल होने आते हैं।त्रिपदी परिवार की स्थापना भी नाना महाराज ने ही की थी।
संस्थान के संजय तराणेकर ने बताया कि गुरु पूर्णिमा महोत्सव के पहले दिन शनिवार शाम करुणा त्रिपदी के बाद यश फपुनकर ने शास्त्रीय गायन पेश किया। उनके साथ तबले पर वेदांत लकरस और संवादिनी पर हर्षल पाटणकर ने संगत की। कार्यक्रम के अगले चरण में सारंग लासूरकर ने एकल तबला वादन पेश किया।
उन्होंने बताया कि गुरु पूर्णिमा पर रविवार 21 जुलाई को सुबह साढ़े पांच बजे कांकड़ आरती, दीप प्रज्ज्वलन, प्रातः उपासना,अभिषेक पूजा और वैयक्तिक उपासना होगी। सुबह साढ़े आठ बजे प्रभाती का कार्यक्रम होगा। दोपहर में भक्तों को महाप्रसाद का वितरण होगा।शाम साढ़े छह बजे महाआरती व करुणा त्रिपदी के कार्यक्रम होंगे। रात में नाना महाराज तराणेकर भजनी मंडल द्वारा भजन, अभंग और लोक गीतों की प्रस्तुति दी जाएगी। इसके अलावा पूरे दिन पाद पूजन, दर्शन और कीर्तन आदि का सिलसिला चलता रहेगा।