गेहूं सहित छह फसलों का समर्थन मूल्य बढ़ाया गया

  
Last Updated:  October 18, 2024 " 06:27 pm"

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने फसलों की एमएसपी बढ़ाने पर प्रधानमंत्री मोदी का जताया आभार।

इंदौर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में संपन्न हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में रबी की मुख्य 6 फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा की गई। गेहूं, जौ, चना, मसूर, रेपसीड- सरसो और कुसुम पर एमएसपी में वृद्धि की गई है। बैठक में शामिल केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने ये जानकारी देते हुए इस किसान हितैषी निर्णय के लिए प्रधानमंत्री मोदी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि गेहूं 2025-26 के लिए 2425 रुपए प्रति क्विंटल की दर से खरीदा जाएगा। जौ की एमएसपी बढ़ाकर 1980 रुपए की गई है। चना 5,650 रुपए क्विंटल, मसूर 6,700 रुपए प्रति क्विंटल, रेपसीड और सरसों 5,950 रुपए प्रति क्विंटल, कुसुम 5,940 रुपए प्रति क्विंटल किया गया है। गेहूं की एमएसपी में 150 रूपए प्रति क्विंटल वृद्धि की गई है। इसी तरह जौ में 130 रुपए प्रति क्विंटल, चना में 210 रुपए प्रति क्विंटल, मसूर में 275 रुपए प्रति क्विंटल, रेपसीड और सरसों में 300 रुपए प्रति क्विंटल और कुसुम में 140 रुपए प्रति क्विंटल एमएसपी बढ़ी है। शिवराज के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तय किया है कि, वास्तविक लागत पर कम से कम 50% मुनाफा देकर किसानों की फसल खरीदी जाएगी।

कांग्रेस के समय केवल 14 सौ रुपए क्विंटल था गेहूं का समर्थन मूल्य।

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि जब कांग्रेस की सरकार थी तो 2014 में गेहूं केवल 1400 रूपए क्विंटल था, जौ केवल 1100 रूपए क्विंटल थी, चना 3100 रूपए क्विंटल था, मसूर 2950 रूपए प्रति क्विंटल था, कुसुम 3000 रूपए क्विंटल थी और सरसो 3050 रूपए क्विंटल थी और उसकी भी खरीदी नहीं होती थी। ये भारतीय जनता पार्टी और पीएम मोदी की सरकार है जो गेहूं तो खरीदती ही है लेकिन उसने फैसला किया है कि अरहर, मसूर और उड़द भी पूरी खरीदी की जाएगी। किसानों के हित में एक नहीं अनेक फैसले किए जा रहे हैं। मुझे कहते हुए प्रसन्नता है कि जल्दी खराब होने वाली फसलें जिनमें मुख्य रूप से सब्जियां होती है, उन्हें किसान महानगरों में आकर बेच सकते हैं और ट्रांसपोर्टेशन का खर्च सरकार वहन करेगी। सब्जियों के बारे में भावांतर भूगतान जैसी योजना भी है। किसान को ठीक दाम देना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और उसी के अनुरूप एमएसपी की नई दरें घोषित की गई है।

शिवराज सिंह के अनुसार एक तरफ न्यूनतम समर्थन मूल्य निरंतर बढ़ाते जाना, राज्य सरकारों के साथ मिलकर खरीदी का काम करना और दूसरी तरफ आयात निर्यात नीति में भी परिवर्तन किए जा रहे हैं। पहले खाद्य तेल के आयात पर जीरो प्रतिशत ड्यूटी थी लेकिन अब 27.5 प्रतिशत ड्यूटी लगती है, जिसके कारण सोयाबीन के दाम बढ़ गए हैं। इसी तरह प्याज के एक्सपोर्ट पर 40 प्रतिशत ड्यूटी को घटाकर 20 प्रतिशत कर दिया गया है। चावल के निर्यात पर भी प्रतिबंध हटा लिया गया है। एमएसपी की दरें बढ़ाने और किसान हितैषी फैसले लेने के लिए प्रधानमंत्री श्रीमान नरेन्द्र मोदी जी का अभिनंदन करता हूं। किसान हितैषी ये कार्य लगातार जारी रहेंगे।

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