ग्रामीण क्षेत्रों में अच्छी शिक्षा, तकनीक और नवाचार को बढ़ावा देकर ही हो सकता है सक्षम और सबल राष्ट्र का निर्माण..

  
Last Updated:  February 17, 2025 " 01:35 am"

काशीनाथ त्रिवेदी स्मृति व्याख्यान में बोले परमाणु वैज्ञानिक पद्मविभूषण डॉ. अनिल काकोडकर।

इंदौर : ये अच्छी बात है कि हम दुनिया की पांचवी बड़ी अर्थव्यवस्था बन गए हैं और तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में अग्रसर हैं लेकिन जब तक देश के लोगों का जीवनस्तर और प्रति व्यक्ति आय विकसित देशों के अनुरूप नहीं हो जाता, हम सक्षम, सबल और विकसित राष्ट्र नहीं बन सकते। इसके लिए जरूरी है कि हम शिक्षा, स्वास्थ्य और तकनीक के क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा दें। खासकर ग्रामीण क्षेत्र में। ये बात परमाणु ऊर्जा आयोग के पूर्व अध्यक्ष और ख्यात परमाणु वैज्ञानिक पद्मविभूषण डॉ. अनिल काकोडकर ने कही। वे रविवार शाम स्थानीय अभिनव कला समाज के सभागार में आयोजित काशीनाथ त्रिवेदी स्मृति व्याख्यान में अपने विचार रख रहे थे। विषय था ‘सक्षम भारत में बाल शिक्षा’ व्याख्यान का आयोजन स्टेट प्रेस क्लब और संस्था कल्याणी ने मिलकर किया था। डॉ. काकोडकर ने कहा कि 08 वर्ष तक के बच्चों के स्वास्थ्य की उचित देखभाल और उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने की जरूरत है। शहरों में तो शिक्षा सुविधाएं उपलब्ध हैं पर गांवों में अभी भी इसका अभाव है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में अच्छे शिक्षण संस्थान स्थापित कर बच्चों को गुणवत्ता, तकनीक और नवाचार युक्त शिक्षा देना जरूरी है। इसके साथ मानवीय मूल्य और संस्कारों का होना भी जरूरी है। इससे उनकी बुनियाद मजबूत होगी और वे भी बड़े होकर अपनी प्रतिभा के बल पर देश के विकास में अपना योगदान दे सकते हैं। उन्होंने इस दिशा में एक इकोसिस्टम डेवलप करने पर भी जोर दिया। डॉ. काकोडकर ने अपने cillege programme के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इसके तहत 350 से अधिक गांवों को आत्मनिर्भर और तकनीकि रूप से सक्षम बनाते हुए उन्हें विकास की राह पर अग्रसर करना है।उन्होंने कहा कि इस प्रोग्राम के तहत बेहतर शिक्षा,तकनीकि प्रशिक्षण, स्वास्थ्य सेवाएं और रोजगार के अवसरों को बढ़ाने के साथ ग्रामीण युवाओं को वैज्ञानिक अनुसंधान, उद्यमिता और नवाचार के लिए प्रेरित करना है।उन्होंने कहा कि ग्रामीण बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य और तकनीकि प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जाए तो वहां के युवा भी राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना सकते हैं। प्रारंभ में स्टेट प्रेस क्लब के अध्यक्ष प्रवीण खारीवाल ने डॉ. अनिल काकोडकर का स्वागत किया। डॉ. करुणाकर त्रिवेदी ने डॉ. काकोडकर को स्मृति चिन्ह भेंट किया।संचालन कीर्ति त्रिवेदी ने किया और आभार पंकज क्षीरसागर ने माना। बड़ी संख्या में प्रबुद्धजन और गणमान्य नागरिक इस अवसर पर उपस्थित रहे।

Facebook Comments

Related Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *