देवगुराडिया ट्रेंचिंग ग्राउण्ड प्लांट का किया अवलोकन।
अपर आयुक्त ने शहर के स्वच्छता अभियान की प्रेजेटेशन के माध्यम से दी जानकारी।
इंदौर : स्वच्छता में सातवीं बार नंबर वन इंदौर शहर की स्वच्छता एवं सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट को देखने के लिए देश के विभिन्न प्रदेश/शहर के जनप्रतिनिधि एवं प्रशासनिक अधिकारी आ रहे हैं। इसी क्रम में छत्तीसगढ़ सरकार के उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने सोमवार को इंदौर के सॉलिड वेस्ट मेनेजमेंट के तहत देवगुराडिया ट्रेंचिंग ग्राउण्ड स्थित 400 टीपीडी मेकेनाइज्ड एमआरएफ प्लांट, 550 टीपीडी बायो सीएनजी प्लांट, 100 टीपीडी सी एंड डी वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट, वेस्ट बायोमेडिटेशन साइट और अन्य प्लांट का अवलोकन किया। इस अवसर पर अपर आयुक्त सिद्धार्थ जैन अधीक्षण यंत्री महेश शर्मा व अन्य उपस्थित थे।
अपर आयुक्त सिद्धार्थ जैन ने प्रेजेटेशन के माध्यम से इंदौर के स्वच्छता अभियान की विस्तृत जानकारी छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम अरुण साव को देते हुए, बताया कि किस प्रकार से पूर्व में इंदौर में जगह-जगह कचरा पेटियां हुआ करती थी। कचरा पेटी के आस-पास कचरे के ढेर लगा होते थे। इसके बाद इंदौर ने स्वच्छता अभियान के तहत इंदौर को कचरा पेटी से मुक्त करते हुए, शहर के चिन्हित वार्ड में पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर डोर टू डोर कचरा संग्रहण वाहन चलाए। उसके बाद सभी वार्डों में इसे लागू किया गया। कचरा वाहनों का जीपीएस सिस्टम के माध्यम से मॉनिटरिंग किया जा रहा है। सभी कचरा संग्रहण वाहन अपने निर्धारित रूट व समय पर अपने कार्य क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं।
अपर आयुक्त ने बताया कि पहले गीला-सुखा कचरा संग्रहित किया जाता था, अब हर दिन 6 बिन की तर्ज पर 6 प्रकार का कचरा संग्रहित किया जा रहा है। उन्होंने थैला बैंक, बर्तन बैंक, डिस्पोजल फ्री क्षेत्र, जीरो वेस्ट इवेंट, जीरो वेस्ट शादी, नाला सफाई अभियान, नाला क्रिकेट, नाला मेडिकल चेकअप, नाला फुटबॉल, नाला दंगल व अन्य गतिविधियेां के संबंध में भी विस्तार से जानकारी दी। डोर टू डोर कचरा संग्रहण वाहनों से संग्रहित कचरे को गारबेज कचरा ट्रांसर्फर स्टेशन तक किस प्रकार से पहुंचाया जा रहा है, इस सेग्रिगेट कचरे को किस प्रकार से ट्रेंचिंग ग्राउण्ड पर डिसेंट्रलाइज्ड मटेरियल रिकवरी प्लांट व ड्राय वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट, कम्पोस्ट प्लांट में प्रोसेस किया जा रहा है। ये भी बताया गया।
ट्रेंचिग ग्राउण्ड में निर्माणाधीन बायागैस प्लांट के संबंध में भी विस्तार से जानकारी देते हुए बताया गया कि यह एशिया का सबसे बडा बायो गैस सीएनजी प्लांट है, जहां पर गीले कचरे से बायो गैस का निर्माण किया जाकर उसे लोक परिवहन में उपयोग किया जा रहा है।