इंदौर : देवी अहिल्या बाई होलकर हरी सब्जी विक्रेता एसोसिएशन के अध्यक्ष उमाशंकर रायकवार ने बताया कि प्रदेश की सबसे बड़ी मंडी में इन दिनों आलू प्याज तो आ रहा है लेकिन इसकी खरीदारी केवल बड़े व्यापारी ही कर रहे हैं छोटे दुकानदार और विक्रेताओं को खरीदारी से वंचित रखा जा रहा है। बड़े व्यापारी थोक में आलू प्याज गाड़ी से लेकर 50 -60 कट्टे से कम किसी को भी बेच नहीं रहे हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि व्यापारियों द्वारा 5 से 6% कमीशन के आधार पर आलू प्याज को बाहर भेजा जा रहा है। शहर में छोटे दुकानदार और विक्रेताओं को आलू प्याज नहीं लेने दिया जा रहा है । ऐसी मोनोपोली बनाई जा रही है कि यदि आलू- प्याज बड़े व्यापारी खरीद कर बाहर भेजेंगे और इंदौर वासियों को बेचने के लिए छोटे एवं फुटकर दुकानदारों को नहीं देंगे तो आगे चलकर इसका ज्यादा बढ़ा हुआ भाव बताकर लोगों पर आर्थिक बोझ लादा जाएगा।
फिलहाल मंडी में 4 ₹ से 5₹ किलो प्याज बिक रहा है वही आलू भी 10 से ₹12 किलो में मिल रहा है । मंडी परिसर में करीब 354 ओटले हैं जहां पर खेरची और फुटकर विक्रेता सब्जियां रोज बेचते थे, वे सूने पड़े हैं। प्रशासन ने ताबड़तोड़ बड़े व्यापारियों को फायदा पहुंचाने के लिए सीधे बिक्री चालू करवा दी है लेकिन छोटे एवं खेरची दुकानदार अभी भी मुंह लटकाए बैठे हैं । हालत यह कि शहर में करीब 5000 से अधिक ठेले वाले सब्जियां बेचते हैं । मंडी में एक भी ठेला नहीं आ पा रहा है । ऐसे में वे अपना और परिवार का भरण- पोषण कैसे करेंगे । 2 माह से अधिक समय लॉकडाउन लगे हो गया है और आगे भी अभी कोई गुंजाइश नजर नहीं आ रही है । दूसरी और प्रशासन ने नगर निगम के मार्केट में सब्जियां गांव से लाने वाले किसान और छोटा विक्रेता यदि गलियों में पहुंचता है तो सब्जियां जब्त तक ली जाती है । फेंक दी जाती है नष्ट कर दी जाती है। ऐसे में प्रशासन इस ओर भी क्यों नहीं ध्यान दे रहा है।
छोटे दुकानदार और सब्जी विक्रेताओं पर पड़ रही बेरोजगारी की मार..
Last Updated: May 29, 2020 " 07:19 am"
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