इंदौर : सकारात्मक सोच के साथ दूरदृष्टि रखते हुए किए गए विकास के काम बेहद उपयोगी साबित होते हैं। कांग्रेस ने हमेशा विकास विरोधी रवैया अपनाया है। जब इंदौर – भोपाल राजमार्ग को स्टेट से नेशनल हाइवे में बदलने की बात हो,इंदौर – उज्जैन फोरलेन की बात हो, सुपर कॉरिडोर बनाने की बात हो या नर्मदा तृतीय चरण के लिए 300 करोड़ का लोन लेने की बात हो, हर मामले में कांग्रेस ने विकास का विरोध किया। मेरे महापौर कार्यकाल में हमने जनभागीदारी से शहर के विकास का मॉडल अपनाया, जो बेहद कारगर रहा।ये बात बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कही। वे रविवार को बीजेपी कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में अपनी बात रख रहे थे।
इंदौर – भोपाल हाइवे, सुपर कॉरिडोर का कांग्रेस ने किया था विरोध।
कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि जब हमने इंदौर – भोपाल हाइवे को स्टेट से नेशनल हाइवे में बदलने का निर्णय लिया था, तब कांग्रेस ने विरोध किया था। आज वही हाइवे बहु उपयोगी साबित हो रहा है। इंदौर से भोपाल रोड कनेक्टिविटी बेहतर होने से समय की बचत हो रही है, कारोबार बढ़ा है और उससे लगी जमीनों के भाव 40 गुना तक बढ़ गए हैं, जिसका फायदा किसानों को हो रहा है। इंदौर – उज्जैन फोरलेन के निर्माण में भी कांग्रेस ने अड़ंगे लगाए थे।
सुपर कॉरिडोर पर हजारों को मिल रहा रोजगार।
विजयवर्गीय ने कहा कि जब सुपर कॉरिडोर के निर्माण की योजना बनाई गई थी, उससमय भी कांग्रेस ने उसका मजाक उड़ाया था।आज वही कॉरिडोर रोजगार का बड़ा स्रोत बन गया है। वहां स्थित आई टी कंपनियों में हजारों युवा काम कर रहे हैं। इसीतरह नर्मदा के तृतीय चरण के लिए 300 करोड़ का लोन लेने की बात आई तो कांग्रेस ने विरोध कर दिया था। नर्मदा का तीसरा चरण आया तो शहर में पेयजल की समस्या काफी हद तक खत्म हो गई।
जनभागीदारी से किया शहर का विकास।
विजयवर्गीय ने बताया कि जब वे महापौर बने थे,तब कर्मचारियों को पैसे बांटने तक के पैसे नहीं थे। निगम का खजाना खाली था। विकास कार्यों के लिए वित्तीय संसाधन जुटाना बड़ी चुनौती थी। ऐसे में मैंने जनभागीदारी का मॉडल अपनाया और करीब 300 किमी की सड़कें जनसहयोग से बना दी। जनसहयोग से विकास का आज भी वो अनुपम उदाहरण है।इसी के साथ सिटी डेवलपमेंट बॉन्ड जारी करके विकास की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया। हाईकोर्ट से लेकर रसोमा लैब तक की सड़क का निर्माण बॉन्ड के पैसों से ही किया गया था। इसके साथ कई अन्य सड़कें भी बॉन्ड से मिली राशि से बनाई गई। शहर में कई पुल पुलियाओं का निर्माण किया। गुरु गोविंदसिंह रेलवे ब्रिज की भी सौगात इंदौर की जनता को दी।
पितृ पर्वत की संकल्पना को साकार किया।
कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि अपने मेयर कार्यकाल में मैंने पितृ पर्वत पर दिवंगतों की याद में पौधे लगाने के लिए शहर के लोगों को प्रेरित किया था। आज मुझे बताते हुए खुशी है कि वहां लगाए गए शत प्रतिशत पौधे अब वृक्षों का रूप ले चुके हैं।बजरंगबली भी अपने विराट स्वरूप में वहां विराजित हो चुके हैं। विजयवर्गीय के मुताबिक एक दिन में एक लाख पौधे रोपने का रिकॉर्ड भी उन्हीं के कार्यकाल में बना था। सार्क देशों का मेयर सम्मेलन भी हमने इंदौर में आयोजित किया था।
शहर की विरासत को कायम रखकर आगे बढ़ेंगे।
कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि मां अहिल्या की नगरी इंदौर की अपनी पहचान और विरासत है। कला, साहित्य, संस्कृति और खानपान की विरासत को बरकरार रखते हुए हम इस शहर के विकास की यात्रा को आगे बढ़ाएंगे। इंदौर को ऐसा शहर बनाएंगे की देश के अन्य शहरों से लोग इंदौर आने में गर्व महसूस कर सकें।