कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी ने दिव्यांगों की समस्याएं सुनकर दी ढेरो सौगातें।
रेडक्रॉस से तात्कालिक जरूरतों की पूर्ति के लिये दी ढाई लाख रूपये से अधिक की मदद।
आस्था को मिला रक्षा बंधन का उपहार।
इंदौर : कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी की संवेदनशील पहल के तहत कलेक्टर कार्यालय में जनसुनवाई के दौरान दिव्यांग जनों की समस्याओं को विशेष रूप से सुनने का सिलसिला लगातार जारी है। यह तीसरा सप्ताह है जब कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी ने दिव्यांगजनों के बीच पहुंचकर स्वयं उनकी समस्याओं को गंभीरता से साथ सुना और उनका निराकरण किया।
24 दिव्यांगों को दिए विशेष स्कूटी वाहन।
उन्होंने 24 दिव्यांगजनों को शिक्षण-प्रशिक्षण और रोजगार में सहायता के लिए रेट्रोफिटिंग स्कूटी वाहन स्वीकृत किए। साथ ही एक दिव्यांग को बेट्री चलित ट्रायसिकल भी स्वीकृत की। 9 दिव्यांगजनों को तत्कालिक जरूरतों की पूर्ति के लिए रेडक्रॉस से दो लाख 64 हजार रूपये की आर्थिक सहायता स्वीकृत की।
राहुल बोलने और सुनने लगेगा।
जनसुनवाई में अपने पिता के साथ पहुंचे एक बालक राहुल को काकलियर इनप्लांट के तहत लगाई गई मशीन की जगह नई मशीन लगाए जाने के लिए दो लाख रूपये की मदद दी गई। यह मशीन लग जाने से राहुल सुनने और बोलने लगेगा। एक दिव्यांगजन को नि:शुल्क डायलिसिस की सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए।
आस्था को मिला रक्षा बंधन का उपहार।
कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी से एक बालिका आस्था यादव भी मिली। उसने बताया कि वह सीए की पढ़ाई कर रही है। कॉलेज तक आने जाने में बड़ी दिक्कत का सामना करना पड़ता है। पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है। परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर है। मैं वाहन खरीदने में असमर्थ हूँ। इस बालिका की शिक्षा की राह आसान करने के लिए स्कूटी स्वीकृत की गई। इस बालिका को रक्षा बंधन का उपहार देते हुए स्कूटी वाहन की चाबी विधायक रमेश मेंदोला ने सौंपी।