*कीर्ति राणा*
इंदौर : शिवरात्रि की धूम हो, नाम भी शंकर हो, जन्मदिन भी इस महापर्व पर हो तो महादेव की प्रिय भांग का भोग न लगे ऐसा संभव है क्या? सांसद शंकर लालवानी बीते वर्षों के अपने जन्मोत्सव के आयोजन की याद करते हैं तो वह प्रसंग भी याद आ जाता है जब दोस्तों ने जन्मदिन पर भांग वाली मिठाई धोखे से खिला दी थी। थोड़ी देर बाद जब भांग ने असर दिखाना शुरु किया तो लालवानी को अपने आसपास सब घूमता सा नजर आने लगा।भंग की तरंग का असर जब बढ़ने लगा तो सीधे घर पहुंचे और सो गए। जब नींद खुली तो परिजनों को हकीकत बताई।
अब जब वे शुक्रवार को 59वें वर्षमें प्रवेश करेंगे तब उनके मित्रों ने शुभकारज गार्डन में भव्य समारोह आयोजित किया है।इससे पहले तक लालवानी बड़े नेताओं सुमित्रा महाजन, शिवराज सिंह चौहान आदि के बर्थडे समारोह में शामिल होने के साथ ही नरेंद्र मोदी का जन्मोत्सव मनाते रहे हैं।सर्वाधिक साढ़े पांच लाख मतों से जीतने के बाद शंकर लालवानी का सांसद के रूप में पहले जन्मदिन पर शहर के सभी वर्गों के प्रबुद्धजन शुभकारज गार्डन में शाम 6 बजे से उन्हें बधाई देने पहुंचेंगे।
लालवानी परिवार में सात भाइयों, दो बहनों में शंकर दूसरे नंबर के हैं।पहले भाई का नाम महेश है।।बाकी भाई हैं राजकुमार, प्रकाश, कमल दो बहनें हैं सावित्री और कोमल।शंकर लालवानी जिस दिन जन्मे उस दिन तारीख तो 14 थी लेकिन शिवरात्रि होने से अब जिस भी दिन शिवरात्रि आती है, उसी दिन जन्मोत्सव हो जाता है । दशकों पहले जब परिवार सराफे में रहता था तब मोरसली गली वाले शिव मंदिर में शिवरात्रि पर दर्शन को जाते थे, प्रसाद में तब भांग वितरण होता तो बच्चों को भी थोड़ा-थोड़ा प्रसाद वितरित किया जाता था।फिर जयरामपुर कॉलोनी में रहने आ गए तो यहां के शिवमंदिर में दर्शन को जाने लगे। बीते दस साल से उत्कर्ष विहार मनीषपुरी कॉलोनी में रहने लगे हैं।यहां बीते साल तक तो पारिवारिक सदस्यों के बीच ही जन्मदिन मनाते रहे हैं। इस बार मित्रों ने जिद कर के शुभकारज गार्डन में आयोजन रखा है।
नानवेजऔर पीने पिलाने की पार्टी नहीं रखते क्योंकि वे शुद्ध शाकाहारी हैं।केक काटने, मोमबत्ती बुझा कर जन्मोत्सव मनाने में उनका विश्वास नहीं लेकिन कई बार लोगों की भावना का सम्मान करना मजबूरी हो जाती है। जन्मदिन समारोह में सरस्वती शिशु मंदिर वासुदेव नगर-खातीवाला टैंक, वैष्णव स्कूल, आईआईटी मुंबई में साथ पढ़े दोस्त भी शिरकत करते रहे हैं।