जल स्त्रोतों को नहीं बचाया तो भावी पीढ़ी बूंद – बूंद को तरसेगी – अण्णा महाराज

  
Last Updated:  June 9, 2022 " 11:59 pm"

इंदौर : श्री दत्त माऊली सदगुरु अण्णा महाराज संस्थान पलसीकर कॉलोनी में गुरुवार को गंगा दशहरा के शुभ अवसर पर गंगा स्वरूप प्राकृतिक जल स्त्रोत बोरिंग का पूजन किया गया ।
सदगुरु अण्णा महाराज के साथ अनेक भक्तों ने भी जल स्त्रोतों का पूजन शहर के विभिन्न स्थानों पर किया ।
जल के प्राकृतिक स्रोत कुएं , बावड़ी, तालाब, बोरिंग , नदी आदि का पूजन कर जल संरक्षण की शपथ भी इस अवसर पर भक्तो द्वारा ली गई।

संस्था के शरद जपे ने बताया कि विगत 11 वर्षों से संस्थान द्वारा सदगुरु अण्णा महाराज के सान्निध्य और मार्गदर्शन में शहर के प्राकृतिक जल स्त्रोतों के पूजन का कार्य गंगा दशहरा के दिन किया जा रहा है ।

जल स्त्रोतों के पूजन का उद्देश्य उनका संरक्षण और जल के बढ़ते दुरुपयोग की रोकथाम को लेकर जनजागृति लाना है।

जल को संरक्षित नहीं किया तो भोगने पड़ेंगे दुष्परिणाम।

सदगुरु अण्णा महाराज ने इस अवसर पर कहा कि हम यदि अब भी जागृत नहीं हुए तो भविष्य में पीने के पानी के स्त्रोत शायद ही बचेंगे। हमारी भावी पीढ़ी को जल की बूंद बूंद के लिए तरसना पड़ेगा। अतः जल को व्यर्थ ना जाने दे। वर्षाजल को संरक्षित करने हेतु जल के प्राकृतिक स्त्रोतों के संरक्षण के साथ उन्हे पुनर्जीवित भी करें । भूमिगत जल का दोहन कम से कम करें । ऐसे पौधो को वर्षाकाल में लगाए जो जल को भूमि में रोकने का कार्य करते हैं । पीपल, बरगद, गूलर आदि के वृक्षों को अधिक से अधिक संख्या में लगाएं ।

अण्णा महाराज ने बताया की इस वर्षा ऋतु में संस्था द्वारा पौधारोपण का कार्य भी किया जाएगा और इस हेतु लोगों को प्रेरित भी किया जाएगा ।

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