इंदौर : मतदाता सूचियों में इस बार भारी गड़बड़ी की शिकायतें सामने आई हैं। ऐसा कोई वार्ड नहीं था, जहां से मतदाता सूची से नाम गायब होने की शिकायत न मिली हो। बीजेपी के महापौर प्रत्याशी के गृहक्षेत्र वार्ड 82 में भी कई लोगों ने उनका नाम मतदाता सूची से गायब होने की शिकायत की। नतीजा ये रहा की ऐसे तमाम लोग मतदान करने से वंचित हो गए।
जिला और सत्र न्यायाधीश का नाम भी सूची से नदारद।
इंदौर में जिला और सत्र न्यायाधीश मनीष श्रीवास्तव जब सीपीडब्ल्यूडी स्थित मतदान केंद्र पर सपत्नीक मतदान करने पहुंचे तो यह जानकर हैरान रह गए कि उनका और पत्नी का नाम वोटर लिस्ट से गायब है। न्यायाधीश श्री श्रीवास्तव ने बताया कि उन्होंने विधानसभा और लोकसभा, दोनों चुनाव में अपने मताधिकार का उपयोग किया था। ऐसे में उनका नाम मतदाता सूची से गायब कैसे हो गया ये सोचने वाली बात है। उन्होंने कहा कि मतदाता सूची में नाम नहीं होने से उन्हें बिना मतदान के ही निराश होकर लौटना पड़ा। न्यायाधीश श्री श्रीवास्तव ने इसे प्रशासन की गंभीर चूक और लापरवाही बताते हुए अपनी नाराजगी जताई।
पूरे शहर में ऐसे सैकड़ों लोग हैं, जिनके नाम मतदाता सूची से गायब होने से वे वोट नहीं डाल सके। कई परिवारों में कुछ सदस्यों के नाम थे तो कुछ के गायब, इससे साफ नजर आता है की मतदाता सूची को बनाने में लापरवाही बरती गई है। आगामी वर्षों में विधानसभा और लोकसभा चुनाव भी होने हैं, अतः जिला प्रशासन को जिनके नाम मतदाता सूची से गायब हैं, उन्हें फिर से जुड़वाने की पहल करनी चाहिए।