इंदौर : जीएसटी कॉउन्सिल की फरवरी माह में सम्पन्न हुई मीटिंग के निर्णयानुसार करदाताओं को राहत देने के लिए सरकार द्वारा दिनांक 1 अप्रैल को नोटिफिकेशन जारी कर दिए गए हैं। इसके साथ ही लोकसभा द्वारा बजट 2023 पास कर दिया गया है ! इसके चलते कुछ महत्वपूर्ण प्रावधान जल्द ही लागू हो जाएंगे !
जीएसटी में इन्ही नए प्रावधानों पर चर्चा के लिए टैक्स प्रैक्टिशनर्स एसोसिएशन इंदौर एवं चार्टर्ड अकाउंटेंट्स की इंदौर शाखा ने सेमिनार का आयोजन किया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता सीए पल्केश असावा ने सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि जीएसटी में वार्षिक रिटर्न (जीएसटीआर 9 एवं 9C) विलम्ब से फाइल करने पर 200 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से पेनल्टी देना होती है। कई करदाता समय पर रिटर्न फाइल करने से चूक गए जिसके कारण उन पर पेनल्टी की राशि लाखों में आ रही थी, इस कारण से वे रिटर्न भी फाइल नहीं कर पा रहे थे।1अप्रैल को सरकार द्वारा एक नोटिफिकेशन जारी करके एमनेस्टी स्कीम लाई गई है। इसके तहत 2017 -18 से लेकर 2021 -22 तक के सभी रिटर्न अधिकतम 20 हजार की लेट फीस के साथ फाइल किए जा सकते हैं। इसके लिए 30 जून 2023 तक अपने पुराने सभी रिटर्न फाइल करना होंगे। इसके बाद रिटर्न फाइल करने पर पूरी पेनल्टी देय होगीI अतः पुराने रिटर्न दाखिल करके,अपना टैक्स कंप्लायंस करने का यह सुनहरा मौका है। इसके साथ ही कंपोजिशन टैक्सपेयर के लिए भी पुराने रिटर्न फाइल करने को लेकर लेट फीस में छूट दी गई है। ऐसे करदाता अब जुलाई 2017 से लेकर मार्च 2022 के सभी रिटर्न मात्र 500 रुपए की लेट फीस के साथ दाखिल कर सकते हैं। कोई भी कर देयता नहीं होने पर पूरी लेट फीस माफ कर दी गई हैI यह स्कीम भी 30 जून 2023 तक ही वैध है।
जीएसटी के प्रावधानों के तहत किसी करदाता के पंजीयन निरस्ती पर उन्हें GSTR 10 यानी फाइनल रिटर्न फाइल करना होता है परंतु कई लोग ऐसा करने से चूक गए थे। ऐसी दशा में लेट फीस की राशि 10 हजार रूपए तक हो गई थी। ऐसे लोगों के लिए भी नई स्कीम के तहत मात्र 1000 रुपए में यह रिटर्न फाइल करने के लिए 30 जून 2023 तक स्कीम लाई गई है।
इसी प्रकार वर्तमान में किसी करदाता द्वारा रिटर्न फाइल नहीं करने या अन्य किसी कारण से पंजीयन निरस्ती पर उसे पुनर्जीवित करने में काफी परेशानी आ रही थीI सरकार द्वारा ऐसे केसेस जहाँ यदि किसी करदाता का पंजीयन, रिटर्न ना फाइल करने की वजह से, 31 दिसंबर 2022 या उसके पहले निरस्त कर दिया गया हो तो वह पंजीयन को फिर से चालू करवाने के लिए 30 जून 2023 तक कभी भी आवेदन कर सकते हैं। यह स्कीम उन सभी के लिए है जिनका पंजीयन 2017 से लेकर दिसंबर 2022 की अवधि में कभी भी निरस्त हुआ हो।
यूनियन बजट 2023 लोकसभा द्वारा पास कर दिया गया है ! अतः इसके मुख्य प्रावधानो पर भी चर्चा की गई।
मुख्य रूप से GST में अपीलेट ट्रिब्यूनल के गठन को लेकर बदलाव लाए गए हैं। उम्मीद है कि अब जल्द ही मध्य प्रदेश में भी ट्रिब्यूनल की एक बेंच गठित होगी जिससे लंबित अपीलों की सुनवाई होकर न्यायोचित फैसला लिया जा सकेगा। ट्रिब्यूनल के प्रेसिडेंट सुप्रीम कोर्ट जज या फिर किसी हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस होंगे। ज्यूडिशियल मेंबर कोई हाई कोर्ट जज या 10 साल से ज्यादा अनुभव वाले डिस्ट्रिक्ट कोर्ट जज होंगे। इसी तरह टेक्निकल मेंबर भी कोई ऐसे क्लास A ऑफिसर होंगे जिन्होंने 25 वर्षों की सेवा कर संचालन विभाग में दी हो।
- कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (CSR) में कंपनियों द्वारा किए गए खर्चे की इनपुट क्रेडिट नहीं मिलेगी।
- पहले GST के नियमों के उल्लंघन में यदि 1 करोड़ से 2 करोड़ तक की टैक्स चोरी होती थी तो 1 वर्ष तक की कैद का प्रावधान था। अब यह हटा दिया गया है, हालांकि फर्जी बिलों के मामले में अभी भी कैद का प्रावधान है।
- पहले कंपोजिशन टैक्सपेयर ई कॉमर्स के माध्यम से कोई भी बिक्री नहीं कर सकते थे, परंतु अब उन्हें भी ई कॉमर्स (जैसे एमेजॉन, फ्लिपकार्ट आदि) के माध्यम से वस्तुएं बेचने का अधिकार दिया गया है।
- करदाता अब GST रिटर्न 3 वर्ष तक ही फाइल कर सकते हैं, इसके पश्चात रिटर्न फाइल नहीं कर पाएंगे, यह प्रावधान भी इस बजट में लाया गया है।
- अंतरराष्ट्रीय कुरियर पर प्लेस ऑफ सप्लाई भारत के बाहर होने से कई लोगों को ITC लेने में कन्फ्यूजन था।अब इस बजट में यह कन्फ्यूजन खत्म कर दिया गया है। रेसिपिएंट की जगह पर ही टैक्स लगाने की बात की गई है।
एसोसिएशन के अध्यक्ष सी ए शैलेन्द्र सिंह सोलंकी ने सरकार द्वारा रिटर्न दाखिल करने में देरी पर पेनल्टी में दी गयी राहत के लिए प्रसन्नता जाहिर की लेकिन निरस्त किए गए रजिस्ट्रेशन को पुर्नजीवित करने पर पेनल्टी एवं इनपुट टैक्स क्रेडिट के प्रावधानों में भी छूट देने का आग्रह किया ताकि इसका सही लाभ करदाता तक पहुँच सके! कार्यक्रम का संचालन सीजीएसटी सचिव सीए कृष्ण गर्ग ने किया।कार्यक्रम में सीए एसएन गोयल, सुनील पी जैन, प्रखर गोयल, एससी बंसल, पियूष वोहरा, स्वप्निल जैन सहित बड़ी संख्या में अधिवक्ता,चार्टर्ड एकाउंटेंट्स एवं कर सलाहकार उपस्थित थे। आभार प्रदर्शन सीए रजत धानुका ने किया।