इंदौर स्कीम नंबर 71 में रहने वाले एक ही परिवार के 5 सदस्यों की कल देर रात को जोधपुर में एक दुर्घटना में मौत हो गई| यह सभी रामदेवरा में दर्शन करने के लिए जा रहे थे| रास्ते में तेल के टैंकर द्वारा मारी गई टक्कर से यह हादसा हुआ|
स्कीम नंबर 71 में रहने वाले कृष्ण गोपाल जोशी अपने परिवार के सदस्यों के साथ रामदेवरा के दर्शन के लिए रवाना हुए थे कल रात में करीब ढाई बजे जब वे जोधपुर से रामदेवरा की तरफ जा रहे थे |तब उनके वाहन को तेल के टैंकर ने टक्कर मार दी इस घटना में वाहन में सवार सभी पांच व्यक्तियों की मृत्यु हो गई है|
जोशी के रिश्तेदार विशाल मिश्रा ने बताया कि जोशी के साथ उनकी पत्नी सोनाली मां रतन और बच्चे मोहन तथा भव्या थे इस घटना की सूचना आज सुबह-सुबह ही राजस्थान से फोन द्वारा यहां पर आए|
जैसे ही घटना की सूचना मिली वैसे ही परिवार में कोहराम मच गया रिश्तेदार जमा हुआ और अब रिश्तेदारों का एक समूह जोधपुर रवाना हो रहा है| जोशी खुद मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव के रूप में काम करते थे यह परिवार अक्सर रामदेवरा में दर्शन करने के लिए जाता था|
[11/08, 3:12 p.m.] Rajendra Sir Sr: एम वेंकैया नायडू आज देश के तेरहवें उपराष्ट्रपति बन गए। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन के दरबार हाल में गरिमापूर्ण समारोह में उन्हें उपराष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई। नायडू ने हिन्दी में शपथ ग्रहण की। इस अवसर पर निवर्तमान उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद, कई केन्द्रीय मंत्री, विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता और कई अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।
शपथ ग्रहण से पहले अड़सठ वर्षीय नायडू ने राजघाट जाकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की समाधि पर श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने भारतीय जनसंघ के संस्थापकों में से एक पंडित दीनदयाल उपाध्याय तथा महान स्वतंत्रता सेनानी एवं देश के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। उपराष्ट्रपति के नाते नायडू राज्यसभा के नए सभापति भी बन गए हैं। शपथ ग्रहण के कुछ ही देर बाद वह संसद भवन पहुंचे, जहां उन्होंने राज्यसभा के उपसभापति पी जे कुरियन, संसदीय कार्यमंत्री अनन्त कुमार, सदन में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेता डी राजा, द्रविड़ मुनेत्र कषगम के नेता त्रिची शिवा तथा कुछ अन्य दलों के नेताओं ने उनकी अगवानी की।