टीकाकरण में शेष रहे 70 हजार बच्चों को टीके लगाने के लिए चलेगा विशेष अभियान

  
Last Updated:  January 16, 2022 " 04:04 pm"

इंदौर : इंदौर जिले में कोरोना से बचाव के लिए बच्चों के टीकाकरण के लिए चलाए गए अभियान के तहत एक लाख 24 हजार से अधिक बच्चों को टीके लगाए गए हैं। जिले में एक लाख 94 हजार बच्चों को टीके लगाए जाने का लक्ष्य है। टीकाकरण से बचे 70 हजार बच्चों को टीके लगाने के लिए विशेष मुहिम चलाई जाएगी। शत-प्रतिशत बच्चों का टीकाकरण करवाने वाले स्कूलों को 26 जनवरी के गणतंत्र दिवस समारोह में सम्मानित किया जाएगा। टीकाकरण का लक्ष्य पूर्ण करने के लिए संकुल विद्यालयों सहित उनके क्षेत्र में आने वाले एक-एक निजी विद्यालयों में विशेष टीकाकरण केन्द्र रहेंगे। अन्य केन्द्रों पर भी टीकाकरण कराया जा सकता है।
यह जानकारी सांसद शंकर लालवानी की विशेष मौजूदगी में सम्पन्न हुई निजी ब शासकीय विद्यालयों के प्राचार्यों, संचालकों की बैठक में दी गई। बैठक में कलेक्टर मनीष सिंह, नगर निगम आयुक्त प्रतिभा पाल, राज्य स्तरीय आपदा प्रबंधन समिति के सदस्य डॉ. निशांत खरे, अपर कलेक्टर अभय बेड़ेकर, अपर आयुक्त नगर निगम संदीप सोनी सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
बैठक में सभी स्कूलों के संचालकों और प्राचार्यों को निर्देश दिए गए कि वे अपने-अपने स्कूलों का लक्ष्य यथाशीघ्र पूर्ण कर लें। वे यह ध्यान दें कि उनके स्कूलों का कोई भी पात्र बच्चा कोरोना टीकाकरण से वंचित नहीं रहे। बैठक में सांसद लालवानी ने कहा कि निजी और शासकीय स्कूलों के प्रमुखों की यह जिम्मेदारी है कि वह भविष्य को सुरक्षित करने के लिए 15 से 17 वर्ष आयु तक के सभी बच्चों का टीकाकरण करवाए। इस कार्य को वे सर्वोच्च प्राथमिकता में लें। उन्होंने कहा कि समाज के सभी वर्गों को आगे आकर इस मुहिम से जुड़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि शत-प्रतिशत लक्ष्य पूर्ण करने वाले स्कूलों को सम्मानित किया जाए।

कलेक्टर मनीष सिंह ने अभियान की जानकारी देते हुए बताया कि इस अभियान के तहत वर्ष-2005, 2006 तथा वर्ष 2007 में जन्में प्रत्येक बच्चें का टीकाकरण किया जाना है, जो बच्चें स्कूलों में अध्ययनरत हैं उनके टीकाकरण का दायित्व स्कूल प्रबंधन का है। वे यह सुनिश्चित करें कि उनके प्रत्येक बच्चें का टीकाकरण हो जाए। उन्होंने कहा कि ऐसे बच्चें जिन्होंने स्कूल छोड़ दिया है, उन्हें भी चिन्हित किया जाए। सुचीबद्ध कर ऐसे बच्चों को समाज की सहभागिता से टीकाकृत करवाएं। उन्होंने बताया कि 15 से 17 वर्ष तक के बच्चों के टीकाकरण के लिये संकुल विद्यालयों और उनके क्षेत्राअंतर्गत आने वाले एक-एक निजी विद्यालयों में टीकाकरण केन्द्र रहेगा। ग्रामीण क्षेत्रों में आशा तथा आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से बच्चों के टीकाकरण पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। सोमवार 17 जनवरी को शाम 4 बजे रवीन्द्र नाट्य गृह में आँगनवाड़ी और आशा सहायिकाओं की बैठक रखी गई है।
बैठक में राज्य स्तरीय आपदा प्रबंधन समिति के सदस्य डॉ. निशांत खरे ने बच्चों के टीकाकरण महत्व के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि बच्चों का टीकाकरण होगा, तो भविष्य भी सुरक्षित रहेगा। निर्बाध रूप से शिक्षा जारी रहे इसके लिये जरूरी है कि सभी बच्चों का टीकाकरण हो। टीकाकरण होगा तो कोरोना महामारी पर आसानी से नियंत्रण हो सकेगा।

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