ट्रैफिक में सुधार को लेकर इंदौर प्रेस क्लब ने की सार्थक पहल

  
Last Updated:  January 1, 2023 " 08:20 pm"

जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों, बाजारों, मॉल्स के प्रतिनिधियों के साथ रखा रचनात्मक संवाद।

समस्या के समाधान हेतु दिए गए कई उपयोगी सुझाव।

जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों ने कारगर कदम उठाने का दिलाया भरोसा।

इंदौर प्रेस क्लब नया साल नई शुरुआत की टैग लाइन के साथ कैसे सुधार सकता है इंदौर का ट्रैफिक..? विषय पर रचनात्मक संवाद की पहल की। प्रेस क्लब के सभागार में आयोजित इस संवाद में सांसद शंकर लालवानी,महापौर पुष्यमित्र भार्गव, आईडीए अध्यक्ष जयपाल सिंह चावड़ा, कलेक्टर इलैया राजा टी, डीसीपी ट्रैफिक महेशचंद्र जैन सहित शिक्षाविद, समाजसेवी, ट्रैफिक विशेषज्ञ, सामाजिक, व्यापारिक संगठनों के प्रतिनिधि, मॉल्स के प्रबंधक, वरिष्ठ मीडियाकर्मी और अन्य विशिष्ट जन मौजूद रहे। सभी ने शहर के बिगड़े यातायात और प्रतिदिन लगने वाले जाम पर चिंता जताते हुए अपने- अपने स्तर पर समस्या से निपटने के उपाय भी सुझाए।

विषय प्रवर्तन करते हुए इंदौर प्रेस क्लब के अध्यक्ष अरविंद तिवारी ने कहा कि जब इंदौर स्वच्छता में नंबर वन आ सकता है तो यातायात में क्यों नहीं..? इसके लिए समन्वित प्रयासों के जरिए लोगों को प्रेरित करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इंदौर की सड़कों पर 23 लाख 30 हजार से अधिक वाहन दौड़ रहे हैं। इनका नियमन एक बहुत बड़ी चुनौती है।

इन लोगों ने रखे विचार।

परिचर्चा में पूर्व कलेक्टर सीबी सिंह, पूर्व एएसपी ट्रैफिक आर एस राणावत, अग्निबाण के प्रबंध संपादक राजेश चेलावत, नईदुनिया के प्रदेश संपादक सदगुरु शरण अवस्थी, अमर उजाला डिजिटल के संपादक जयदीप कर्णिक, इंजीनियर अतुल शेठ, अजीत सिंह नारंग, सीबीएसई एडेड स्कूल के अध्यक्ष अनिल धुपर, सहोदय ग्रुप की अध्यक्ष कंचन तारे, क्लॉथ मार्केट एसो. के मंत्री कैलाश मुंगड, सीतालामाता बाजार व्यापारी एसो. के पप्पू सिंखची, सेवा सुरभि के ओमप्रकाश नरेडा, अभ्यास मंडल के रामेश्वर गुप्ता, सराफा व्यापारी एसो. के अविनाश शास्त्री, अभिभाषक प्रतापमल, सियागांज व्यापारी एसो. के रमेश खंडेलवाल, समाज सेवी किशोर कोडवानी, ट्रैफिक एक्सपर्ट प्रफुल्ल जोशी, मारोठिया बाजार के विशाल शर्मा, टी आई मॉल के प्रबंधक कुणाल अग्निहोत्री, सी – 21 मॉल के प्रबंधक अमित अरोरा और समाजसेवी अजय सारडा ने अपने विचार रखे।

ये समस्याएं और सुझाव उभरकर आए सामने।

फुटपाथों और सड़कों से अतिक्रमण सख्ती से हटाया जाए।

हॉकर्स जोन की संख्या बढ़ाकर ठेले वालों को वहां जगह दी जाए।

ऑटो रिक्शा, ई – रिक्शा के खड़े होने की जगह निर्धारित हो।

प्रत्येक वार्ड में नए पार्किंग विकसित किए जाएं।

पार्किंग में ही वाहन खड़े करना सुनिश्चित किया जाए। व्यापारी भी अपने वाहन पार्किंग में ही खड़े करें।

जहां जरूरी हो एलिवेटेड ब्रिज का निर्माण किया जाए ताकि यातायात सुगम हो।

ट्रैफिक मैनेजमेंट के लिए इंजीनियरिंग, एजुकेशन, इनफोर्समेंट पर ध्यान दिया जाए।

लोक परिवहन को बढ़ावा दिया जाए। शहर के बीच छोटी बसें चलाई जाएं।

मेट्रो का दायरा बढ़ाकर उज्जैन, देवास और पीथमपुर तक किया जाए।

ट्रैफिक सेल का गठन किया जाए।

स्कूली बसों के टाइमिंग में बदलाव किया जाए।

रोड पर लेन मार्किंग पर ध्यान दिया जाए, मार्ग संकेतक लगाए जाएं।

यातायात सिग्नल 24 घंटे चालू रखें जाएं। टाइमिंग ठीक की जाए।

घरों के बाहर वाहन खड़े करने वालों से शुल्क वसूला जाए।

लोगों को यातायात नियमों के पालन के प्रति जागरूक किया जाए।

वाहनों की बढ़ती तादाद पर नियंत्रण किया जाए।

इंदौर महानगर बन गया पर लोगों की मानसिकता नहीं बदली।

फ्री पार्किंग की व्यवस्था बंद की जाए।

ट्रैफिक मैनेजमेंट के लिए स्कूल – कॉलेज के छात्रों की मदद लें।

हाट बाजारों की व्यवस्था बनाई जाए ताकि फुटपाथी कारोबारी वहां अपना कारोबार कर सकें।

ट्रैफिक वार्डन की व्यवस्था लागू हो।

15 साल पुराने वाहन प्रतिबंधित किए जाएं।

ये कहा जिम्मेदारों ने :-

संविदा पर नियुक्त करें ट्रैफिक मित्र।

डीसीपी ट्रैफिक महेशचंद्र जैन ने कहा कि शहर की सड़कों पर वाहनों का दबाव बहुत अधिक है। सीमित संसाधनों में ट्रैफिक पुलिस बेहतर काम कर रही है। अतिक्रमण के मामले में सख्त कदम उठाने की जरूरत है। नगर निगम चाहें तो संविदा आधार पर एक हजार ट्रैफिक मित्रों की नियुक्ति कर ट्रैफिक को सुगम बनाने में योगदान दे सकती है। इसपर हर माह 18 से 20 करोड़ रूपए का खर्च आएगा। निगम के बजट में 100 करोड़ का प्रावधान ट्रैफिक के लिए पहले से है। ऐसे में बहुत ज्यादा दिक्कत नहीं आएगी।

सामूहिक जिम्मेदारी के साथ आगे बढ़ने की जरूरत।

कलेक्टर इलैया राजा टी ने कहा कि शहर के ट्रैफिक को सुगम बनाने के लिए सामूहिक जिम्मेदारी के साथ वैज्ञानिक तरीके से आगे बढ़ने की जरूरत है। सभी विभाग मिलकर काम करेंगे तो सुधार नजर आएगा। एक्सपर्ट कमेटी की सिफारिशों पर काम करेंगे। ऑटो, ई – रिक्शा और फुटपाथी कारोबारियों के लिए स्थान चिन्हित किया जाना जरूरी है। कलेक्टर के मुताबिक वे प्रति सप्ताह शनिवार को ट्रैफिक के मुद्दे पर संबंधित लोगों के साथ चर्चा करेंगे।

प्राथमिकताओं पर हो काम।

आईडीए अध्यक्ष जयपाल सिंह चावड़ा ने कहा कि परिचर्चा में अनेक उपयोगी सुझाव मिले हैं। उनमें से प्राथमिकताएं चिन्हित कर उनपर पहले काम किया जाए तो ट्रैफिक में कारगर सुधार देखने को मिल सकता है।

नगर निगम गठित करेगा ट्रैफिक मैनेजमेंट सेल।

महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने परिचर्चा में कहा कि इंदौर स्वच्छता के साथ ट्रैफिक में भी नंबर वन बनें इसके लिए नगर निगम प्रयास कर रहा है। जल्द ही ट्रैफिक मैनेजमेंट सेल का गठन कर दिया जाएगा। इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलप कर रहे हैं। नए बने पुलों के नीचे हॉकर्स जोन बनाएं गए हैं। इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम लागू कर दिया है। इसमें नियम तोड़ने वाले वाहन चालकों की पहचान कर उनके खिलाफ चलानी व अन्य कार्रवाई की जा सकेगी। हर वार्ड में पार्किंग चिन्हित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि ट्रैफिक को लेकर लोगों की मानसिकता में भी बदलाव लाने की जरूरत है।

मेट्रो विस्तार का सर्वे करा लिया है।

सांसद शंकर लालवानी ने अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में कहा कि इंदौर के ट्रैफिक को लेकर प्रदेश सरकार के स्तर पर भी काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मेट्रो का दायरा उज्जैन, देवास और पीथमपुर तक बढ़ाने के लिए सर्वे करा लिया गया है। आनेवाले 50 वर्षों के लिए इंदौर का ब्लू प्रिंट तैयार किया जा रहा है। शहर में वाहन ज्यादा होने के साथ प्रतिदिन तीन लाख लोगों की आवाजाही भी होती है। ऐसे में हम अपनी जिम्मेदारी भी समझें।

कार्यक्रम में प्रेस क्लब के उपाध्यक्ष प्रदीप जोशी, दीपक कर्दम, अभिषेक मिश्रा, संजय त्रिपाठी, प्रवीण बरनाले, अभय तिवारी, राजेश राठौर, राजेंद्र कोपरगांवकर, प्रवीण जोशी, लक्ष्मीकांत पंडित, महेश मिश्रा, मुकेश तिवारी, शैलेश पाठक, अनिल शुक्ला, राजेंद्र गुप्ता सहित कई गणमान्य लोग भी मौजूद रहे। अंत में उपस्थित तमाम लोगों ने ट्रैफिक में सुधार के लिए अपना योगदान देने और यातायात नियमों का पालन करने की शपथ ली। आभार इंदौर प्रेस क्लब के महासचिव हेमंत शर्मा ने माना।

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