इंदौर: मप्र के पीडब्ल्यूडी मंत्री सज्जनसिंह वर्मा का का कहना है कि पीपल्याहाना तालाब की हत्या कर न्याय का मंदिर खड़ा करना भी अन्याय है। मंगलवार को वकीलों के प्रतिनिधि मंडल के साथ चर्चा में उन्होंने ये बात कही। मंत्री श्री वर्मा ने कहा कि आम आदमी को न्याय के लिए भटकना न पड़े इस बात पर वे भी सहमत हैं और चाहते हैं कि जिला कोर्ट शहर के बीच ही बना रहे। समूचे मामले की जानकारी लेकर वे प्रयास करेंगे कि पीपल्याहाना तालाब की जमीन का उपयोग कोर्ट का भवन बनाने के लिए न हो।
इसके पूर्व अभिभाषक प्रमोद द्विवेदी और सुरेंद्र वर्मा की अगुवाई में वकीलों ने मंत्री श्री वर्मा को पीपल्याहाना तालाब को खत्म कर जिला कोर्ट के निर्माण से जुड़े तमाम दस्तावेज उपलब्ध कराने के साथ जिला कोर्ट के स्थानांतरण से पक्षकारों को होनेवाली परेशानी से अवगत कराया। उनका कहना था कि चंद लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए तालाब का अस्तित्व खत्म कर जिला कोर्ट भवन वहां बनाया जा रहा है। वकीलों ने मंत्री श्री वर्मा से कहा कि जिला कोर्ट का विस्तार समीप स्थित कमिश्नर कार्यालय भवन में किया जा सकता है। कमिश्नर कार्यालय निकट भविष्य में ही नए भवन में शिफ्ट हो रहा है। वो जगह और भवन जिला कोर्ट को दे दी जाती है तो सरकार के करोड़ों रुपए बच जाएंगे वहीं आम जनता को भी परेशानी नहीं होगी। मंत्री श्री वर्मा ने वकीलों को आश्वस्त किया कि वे उनकी बात सीएम कमलनाथ के सामने रखेंगे।
तालाब की हत्या कर न्याय का मंदिर बनाना भी अन्याय
Last Updated: February 5, 2019 " 01:00 pm"
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