इंदौर : आज समाज में जो परिस्थितियां हैं, उसमें बदलाव के लिए राजनीति ही एकमात्र जरिया है।इसके लिए पढ़े-लिखे तबके को आगे आना होगा। शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य और शहरों के मास्टर प्लान जैसे अहम मसलों का इलाज ब्यूरोक्रेसी के पास नहीं है। यह बात पूर्व नौकरशाह डॉ. वरदमूर्ति मिश्रा ने कही। वे शुक्रवार को इंदौर प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस से मिलिए कार्यक्रम में बोल रहे थे।
तीसरे विकल्प की तलाश में हैं मप्र के नागरिक।
भारतीय प्रशासनिक सेवा से निवृत्ति लेकर सियासी मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे डॉ. मिश्रा ने कहा कि हर तरफ एक प्रश्न प्रमुखता से उठता है कि आखिर मैंने नौकरी क्यों छोड़ी। मेरा स्पष्ट मानना है कि ब्यूरोक्रेसी में रहते हुए आप स्वास्थ्य शिविर तो लगा सकते हैं, पर एक बेहतर सिस्टम खड़ा नहीं कर सकते। यही हाल शिक्षा, कृषि, रोजगार, नागरिक सुरक्षा जैसे क्षेत्र में भी है। बहुत दुख होता है कि पटवा सरकार के समय जो प्रदेश 4500 करोड़ के कर्ज में था, वह आज 3 लाख करोड़ के कर्ज में डूबा है। ऐसी परिस्थितियों में बड़े सियासी आयोजन न केवल बेमानी हैं बल्कि जनता के साथ छलावा भी है। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों ने नागरिकों को निराश और दुखी कर दिया है। आज नागरिक एक तीसरे विकल्प के इंतजार में हैं, जो उनकी आशा-अभिलाषाओं को पूर्ण कर सके।
केवल सड़कें बना देने को विकास नहीं कहते।
उन्होंने कहा कि आज प्रदेश के जो हालात हैं उसे देखते हुए मेरे जैसे लोग सरकारी सुविधाओं का लाभ उठाएं यह किसी अपराध से कम नहीं है। डॉ. मिश्रा ने इंदौर के संबंध में कहा कि प्रदेश के सबसे बड़े शहर में शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार के क्षेत्र में कुछ नहीं हुआ। 56 दुकान को सजाने, गरबों के आयोजन कराने या सड़कें बना देने को विकास नहीं कहते हैं। इतने बड़े शहर के लिए अर्बन प्लानिंग जैसा कुछ भी नहीं हुआ है। बीते 25-30 वर्षों में इंदौर शहर में विकास के नाम पर जितना पैसा खर्च हुआ उसका हिसाब लगाएंगे तो सारी स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।
प्रदेश में 70 लाख से ज्यादा युवा बेरोजगार।
डॉ. मिश्रा ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि आज प्रदेश में करीब 70 लाख युवा बेरोजगारी से जूझ रहे हैं। अगर हालात नहीं संभाले तो यह बेरोजगारी प्रदेश के लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति बिगाड़ देगी। जरूरी है अच्छे, सभ्य और पढ़े लिखे लोग आगे आएं।
नया राजनीतिक दल बनाएंगे।
अपने नए राजनीतिक दल का नाम डॉ. मिश्रा ने उजागर नहीं किया। उन्होंने कहा अक्टूबर माह में इंदौर से ही वे अपने दल का नाम घोषित करेंगे। उन्होंने कहा 2023 के विधानसभा चुनाव में प्रदेश की सभी 230 सीटों पर उम्मीदवार उतारे जाएंगे। दल के भविष्य से जुड़े प्रश्न पर उन्होंने कहा कि मैं अपना कैरियर दाव पर लगाकर आया हूं। मैंने महसूस किया है कि प्रदेश के दुखी नागरिक एक तीसरे विकल्प की तरफ आशाभरी नजरों से देख रहा है।