इंदौर : राजगढ़ की ब्यावरा तहसील में कलेक्टर द्वारा बीजेपी नेता व कार्यकर्ताओं के साथ की गई मारपीट के मामले में हाईकोर्ट ने नोटिस जारी किये हैं। नोटिस के जरिये प्रदेश सरकार और राजगढ़ कलेक्टर से 4 हफ्ते में जवाब तलब किया गया है।
कलेक्टर का कृत्य असंवैधानिक।
इस मामले में हर्षवर्धन शर्मा की जनहित याचिका पर जस्टिस एस सी शर्मा की खंडपीठ में सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता पुष्यमित्र भार्गव ने तर्क रखते हुए राजगढ़ कलेक्टर के कृत्य को असंवैधानिक बताया और उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की। उनका कहना था कि समूचे घटनाक्रम के वायरल हुए वीडियोज में कलेक्टर निधि निवेदिता और डिप्टी कलेक्टर प्रिया वर्मा प्रदर्शनकारी कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट करते नजर आ रहे हैं। याचिका कर्ता की ओर से अधिवक्ता श्री भार्गव ने मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने, कलेक्टर निधि निवेदिता के मजिस्ट्रियल पॉवर वापस लेने, राजगढ़ में लगी धारा 144 निरस्त करने और निधि निवेदिता पर आपराधिक प्रकरण दर्ज करने की मांग की। शासन की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता रवींद्र सिंह छाबड़ा ने कलेक्टर निधि निवेदिता का बचाव करते हुए कार्रवाई को न्यायसंगत ठहराया।
दोनों पक्षों के तर्क सुनने के बाद जस्टिस शर्मा ने शासन और राजगढ़ कलेक्टर निधि निवेदिता को नोटिस जारी कर 4 हफ्ते में जवाब पेश करने को कहा है।
यह हुआ था घटनाक्रम।
बीते रविवार को बीजेपी ने राजगढ़ में सीएए के समर्थन में तिरंगा यात्रा निकाली थी। धारा 144 लगी होने का हवाला देते हुए कलेक्टर निधि निवेदिता ने रैली को रोकने का प्रयास करते हुए भीड़ में घुसकर बीजेपी के पूर्व विधायक, मीडिया प्रभारी और और कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट की थी। डिप्टी कलेक्टर प्रिया वर्मा ने भी कार्यकर्ताओं की पिटाई की थी।बताया जाता है कि इस दौरान किसी ने उनके बाल पकड़कर भी खींच दिए थे। इस पूरे घटनाक्रम के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद मामला गरमा गया।