पुणे: गणेशोत्सव के चलते पुणे के प्रसिद्द श्रीमंत दगडूशेठ हलवाई मंदिर में 151 किलो का मोदक चढ़ाया गया। इसे मावल के बाबूराव वायकर नाम के भक्त ने अर्पित किया है। इस मोदक का प्रसाद यहां आने वाले भक्तों में वितरित किया जाएगा।
क्या खास है इस लड्डू में?
इस मोदक का निर्माण मंदिर परिसर में तकरीबन 15 कारीगरों ने 8 घंटे की कड़ी मेहनत के बाद किया। इसे बेहद खूबसूरती से बनाया और सजाया गया। इसमें मेवा, काजू, बादाम, पिस्ता और चांदी के वर्क का इस्तेमाल किया गया। मोदक के ऊपर के हिस्से पर सोने का वर्क चढ़ाया गया है। मोदक को बनाने में तकरीबन 70 हजार रुपए की लागत आई।
कौन थे दगड़ूशेठ हलवाई?
दगड़ूशेठ हलवाई पुणे में एक सफल मिठाई विक्रेता थे। अचानक एक दिन उनके बेटे की प्लेग से मौत हो गई। बेटे की मौत से परेशान दगड़ूशेठ को एक संत ने गणेशजी का मंदिर बनवाने के लिए कहा। उन्होंने अपनी और शहर की शांति के लिए इस मंदिर का निर्माण करवाया। धीरे-धीरे मंदिर की लोकप्रियता बढ़ती गई। बाद में लोकमान्य तिलक ने यहां विशाल गणपति महोत्सव के आयोजन की घोषणा की।