संस्था दामिनी के बैनर तले प्रदर्शन कर राष्ट्रपति, सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के नाम सौंपा ज्ञापन।
संबंधित पीठासीन अधिकारी (न्यायाधीश)के खिलाफ की कार्रवाई की मांग।
इंदौर : आम आदमी को सबसे ज्यादा भरोसा आज भी न्यायालय पर होता है। और कहीं इंसाफ मिले न मिले, उसे उम्मीद होती है कि न्यायालय से न्याय जरूर मिलेगा पर न्यायपीठ पर आसीन न्यायाधीश जब पीड़ित को ही कटघरे में खड़ा कर उसके खिलाफ असभ्य बर्ताव करने लगे तो वो आखिर कहां जाए। इंदौर के जिला न्यायालय में ऐसा ही एक मामला सामने आया। अपने साथ हुए उत्पीड़न को लेकर न्याय मांगने अदालत पहुंची दुष्कर्म पीड़िता की बात सुनने और उसके साथ संवेदनशील रवैया अपनाने की बजाय पीठासीन अधिकारी ने सुनवाई के दौरान पीड़िता से अभद्र तरीके से जवाब तलब किया और अमर्यादित टिप्पणी की। यही नहीं सुनवाई भी खुली कोर्ट में की गई।
पीठासीन अधिकारी के असभ्य बर्ताव और टिप्पणियों से आहत पीड़िता ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से गुहार लगाते हुए इच्छा मृत्यु की मांग की।
संस्था दामिनी ने की संबंधित न्यायाधीश के निलंबन की मांग।
महिलाओं के अधिकारों के लिए लड़ने वाली संस्था दामिनी ने दुष्कर्म पीड़िता के साथ हुई अभद्रता के खिलाफ आवाज उठाते हुए संभागायुक्त कार्यालय पर प्रदर्शन कर ज्ञापन सौपा। । राष्ट्रपति, सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, मध्य प्रदेश हाईकोर्ट जबलपुर के मुख्य न्यायाधीश, राष्ट्रीय महिला आयोग आदि के नाम सौंपे गए इस ज्ञापन के जरिए दुष्कर्म पीड़िता के साथ अभद्र व्यवहार करने वाले पीठासीन अधिकारी (न्यायाधीश) के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की मांग की गई। इस आशय का ज्ञापन प्रधान जिला न्यायाधीश को भी सौपा गया।
प्रदर्शन में बड़ी संख्या में महिलाओं के साथ महिला वकीलों ने भी शिरकत कर संबंधित पीठासीन अधिकारी (न्यायाधीश) के खिलाफ कार्रवाई का समर्थन किया।