इंदौर : वर्ष 2019 का आखरी सूर्यग्रहण गुरुवार 26 दिसंबर को दुनिया के कई देशों के साथ भारत में भी देखा गया। कहीं पूर्ण तो कहीं आंशिक सूर्यग्रहण का नजारा दिखाई दिया। केरल, गुजरात और ओडिशा में खग्रास सूर्यग्रहण देखने को मिला तो अन्य राज्यों में लोगों को खंडग्रास ग्रहण से ही संतोष करना पड़ा। इंदौर में बादलों की लुकाछुपी के बीच आंशिक सूर्यग्रहण के दीदार हुए। इस अद्भुत खगोलीय घटना को निहारने को लेकर दुनिया भर के लोगों में उत्सुकता देखी गई। अरब देशों में डायमंड रिंग का मनोहारी नजारा दिखाई दिया। पीएम नरेंद्र मोदी ने दिल्ली स्थित वेधशाला से ग्रहण देखने का लुत्फ उठाया। भारतीय समयानुसार सुबह 8 बजकर 17 मिनट पर शुरू हुआ ग्रहण 10 बजकर 57 मिनट तक रहा। अमावस्या पर सूर्यग्रहण का संयोग 296 साल बाद आया।
सामान्य जनजीवन पर पड़ा असर।
ग्रहण से जुड़ी धार्मिक और ज्योतिषीय मान्यताओं के चलते सामान्य जनजीवन प्रभावित रहा। लोगों ने ग्रहण काल में खाने- पीने से परहेज किया। ज्यादातर बाजार भी सूर्यग्रहण खत्म होने के बाद खुले। लोगों ने ग्रहण छूटने पर स्नान करने के साथ दान- पुण्य किया। पशुओं को चारा खिलाया गया वहीं गरीबों को भोजन कराया गया।
मन्दिरों का किया शुद्धिकरण, आस्था की लगाई डुबकी।
ज्योतिषीय मान्यता के अनुसार सूतक के चलते मन्दिरों के कपाट बुधवार रात 8 बजे से ही बंद कर दिए गए थे। गुरुवार सुबह ग्रहणकाल खत्म होने के बाद पहले मन्दिरों का शुद्धिकरण किया गया। उसके बाद आरती कर आम श्रद्धालुओं के लिए मंदिरों के कपाट खोले गए। उधर नर्मदा, शिप्रा व अन्य पवित्र नदियों में में हजारों लोगों ने आस्था की डुबकी लगाई।
अगला सूर्यग्रहण 21 जून 2020 को पड़ेगा।