दो पुलिस अधिकारियों को हटाए जाने से गरमाई सियासत, बीजेपी ने कांग्रेस पर तुष्टिकरण का लगाया आरोप

  
Last Updated:  January 18, 2020 " 04:47 pm"

इंदौर : सीएए और सम्भावित एनआरसी के विरोध में बड़वाली चौकी क्षेत्र में धरना दे रहे लोगों पर गुरुवार रात किये गए कथित लाठीचार्ज को लेकर दो पुलिस अधिकारियों को हटाए जाने का मामला गरमा गया है। कांग्रेस नेताओं ने जहां कार्रवाई का समर्थन किया है वहीं बीजेपी नेताओं ने इसकी कड़ी आलोचना करते हुए इसे तुष्टिकरण की राजनीति करार दिया है।
बीजेपी के वरिष्ठ नेता गोविंद मालू ने कहा कि कांग्रेस वोट बैंक की खातिर शहर की फ़िजा को खराब करने पर तुली है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की मीडिया प्रभारी शोभा ओझा ने बिना अनुमति चल रहे धरना प्रदर्शन का मौके पर जाकर न केवल समर्थन किया बल्कि उपद्रवी तत्वों का पक्ष लेकर कानून- व्यवस्था संभालने पहुंची पुलिस की की कार्रवाई को ही गलत ठहरा दिया। ऐसा करके उन्होंने समाज में विभेद पैदा करने और अशांति फैलाने का काम किया है। श्री मालू ने इसकी कड़ी निंदा करते हुए कहा कि दो अधिकारियों को हटाकर सरकार ने पुलिस का मनोबल तोड़ने का काम किया है।
आपको बता दें कि बड़वाली चौकी पर धरना दे रहे लोगों पर पुलिस के कथित लाठीचार्ज के बाद कांग्रेस की मीडिया प्रभारी शोभा ओझा शुक्रवार को वहां पहुंची थी।पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता संतोष सिंह गौतम भी उनके साथ थे। शोभा ओझा ने आंदोलनकारियों से कहा था कि पुलिस कार्रवाई की जांच कर दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उनके इस कथन के बाद ही घटना की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए जाने के साथ एएसपी गुरुप्रसाद पाराशर का तबादला कर उन्हें पीएचक्यू भोपाल अटैच कर दिया गया। इसी के साथ सराफा टीआई आरएन भदौरिया को लाइन अटैच कर दिया गया था।
इस बीच धरना- प्रदर्शन शनिवार को चौथे दिन भी जारी रहा। सीएए को लेकर भ्रम फैलाना अब कांग्रेस के लिए ही मुसीबत का सबब बन गया है।

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