समाज को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की मांग की।
इंदौर : विधानसभा चुनाव करीब आते ही विभिन्न समाज भी राजनीतिक भागीदारी की मांग को लेकर प्रमुख राजनीतिक दल बीजेपी और कांग्रेस पर दबाव बनाने लगे हैं। इसके साथ वे समाज से जुड़ी अन्य मांगों को पूरा करने पर भी जोर दे रहे हैं। इसी कड़ी में विमुक्त घुमंतू एवं अर्द्ध घुमंतू जनजाति महासंघ के बैनर तले धनगर समाज भी अपनी मांगों को लेकर आगे आया है। रविवार को प्रेस वार्ता के जरिए महासंघ के पदाधिकारियों ने अपनी मांगों को सामने रखा।
ये हैं धनगर समाज की मांगें :-
घुमंतू ,अर्द्ध घुमंतू जनजाति महासंघ के पदाधिकारियों ने बताया कि उनकी तीन प्रमुख मांगे हैं जो वे सरकार व राजनीतिक दलों के समक्ष रख रहे हैं।
1) आगामी विधानसभा चुनाव में धनगर समाज बाहुल्य वाले क्षेत्रों में समाज के व्यक्ति को टिकट दिया जाए।
2) वर्ष 2016 में केंद्र सरकार द्वारा पारित धनगर समाज को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने संबंधी आदेश मप्र में लागू किया जाए।
3) भारुड उपजाति को धनगर जाति में शामिल किया जाए।
महासंघ के पदाधिकारियों के अनुसार उनकी उपरोक्त तीन प्रमुख मांगे हैं जिन्हें पूरा किए जाने पर वे जोर दे रहे हैं। उनका कहना है कि धनगर समाज की कई उपजातियों के लोग आज भी मुश्किल से जीवन यापन कर पाते हैं। अनुसूचित जनजाति का दर्जा मिलने पर उनके जीवनस्तर में सुधार आएगा।
राजनीतिक भागीदारी बेहद कम।
महासंघ का कहना है कि धनगर समाज की राजनीति में भागीदारी बेहद कम रह गई है। यहां तक की इंदौर नगर निगम में समाज का एक भी पार्षद नहीं है। इंदौर जिले में धनगर समाज की सभी उपजातियों को मिलाकर साढ़े छह लाख की आबादी है। बावजूद इसके समाज को राजनीतिक भागीदारी नहीं मिलना दुर्भाग्यपूर्ण है।
इंदौर – 4 और देपालपुर पर ठोका दावा।
महासंघ ने इंदौर के विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 04 और देपालपुर पर दावा जताते हुए चार नंबर से पूर्व पार्षद सुधीर देडगे और देपालपुर से राजेंद्र चौधरी को टिकट दिए जाने की मांग बीजेपी से की। कांग्रेस से भी उन्होंने समाज के व्यक्ति को टिकट देने पर जोर दिया। पूरे प्रदेश में उन्होंने धनगर समाज के ऐसे दस – दस नाम सुझाए हैं जिन्हें बीजेपी और कांग्रेस चुनाव मैदान में उतार सकती है।
एक अक्टूबर को भोपाल में करेंगे सम्मेलन।
पत्रकार वार्ता में बताया गया कि आगामी एक अक्टूबर को विमुक्त घुमंतू एवम अर्द्ध घुमंतू महासंघ भोपाल में बड़ा सम्मेलन करने जा रहा है, जिसमें 53 जिलों से धनगर समाज के प्रतिनिधि भाग लेंगे। इस सम्मेलन में समाज की मांगों को लेकर अपनाई जाने वाली रणनीति पर विचार किया जाएगा।