उल्लसित माहौल में पूरी की गई विवाहोत्सव से जुड़ी सभी रस्में।
06 जुलाई को पुष्प बंगले में प्रभु वैंकटेश के होंगे मनोहारी दर्शन।
इंदौर : श्री वेंकटेश देवस्थान छत्रीबाग में चल रहे ब्रह्मोत्सव के के पांचवे दिन गोदा – रंगनाथ का विवाहोत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।शहनाई की मधुर धुन, सखियों द्वारा गीतों के मधुर गान के बीच गोदाम्बजी को कंकड़ ,बाजूबंद , रत्न जडित मालाए , बोर , रत्नों से जडित मुकुट , कमरबंद , चोटिला पायल और भी कई अलंकारो से गोपियाँ द्वारा श्रृंगारित कर विवाह मंडप में लाया गया।रामानुज जीयर स्वामी और नागोरिया पीठाधिपति स्वामी विष्णुप्रपन्नाचार्य महाराज सहित अनेक संतों की उपस्थिति में प्रभु रंगनाथ घोड़े पर सजधज कर गदा , पदम् , कटार , धारण कर दूल्हा बन के गोविंदा – गोविंदा के जयघोष के साथ बारात में निकले।
ढोलक की थाप पर डांडिया, मटकी , रास करते हुए बाराती बने श्रद्धालुओं ने अश्व पर विराजे प्रभु वेंकटेश को लेकर विवाह मंडप पहुंचे।
वधु पक्ष यजमान हैदराबाद से पधारे नागोरिया शिष्य वृन्द परिवार, वर पक्ष रमेश चितलांगया परिवार, हैदराबाद से पधारे नागोरिया शिष्य वृन्द परिवार का स्वागत सत्कार कर भटर स्वामी द्वारा विवाह का संकल्प कराया गया।
श्री वेणुगोपाल संस्कृत पाठशाला के आचार्य और विद्यार्थियों द्वारा गोदा स्तोत्र, गुरु परंपरा , अल्वान्दर स्तोत्र, वेंकटेश स्तोत्र , तिरुपावे का पाठ किया गया। भजन गायक द्वारकादास मंत्री ने विवाह प्रसंगों पर आधारित भजन पेश कर घराती व बारातियों को झूमने पर मजबूर कर दिया।
मीडिया प्रभारी पंकज तोतला ने बताया कि विजय हेड़ा, दिनेश गुप्ता,रवि सिंगी,गोपाल न्याति,सौरभ चौहान राम सोमानी, अंकित पाठक,नितिन तोतला देवेन्द्र इनानी, शेष नारायण भूतड़ा, दीपक सेठिया, राम जाखेटिया ने पुष्पमालाओं व इत्र गुलाब जल से मेहमानों का स्वागत किया। प्रभु रंगनाथ ने तोरण लगाकर विवाह मंडप में बारातियों के साथ प्रवेश किया। वधु पक्ष द्वारा भगवती श्री गोदांबा जी को गोपियों ने विवाह मंडप में विराजमान किया। भटर स्वामी के समूह के साथ पुजारी बिहारी काका, जय दुबे, दीपक, नितिन, मनोहर शास्त्री आदि पंडितों द्वारा भगवन को रक्षा सूत्र बांधने के साथ दक्षिण भारतीय पद्धति से मामेरा बरना, वस्त्रों का आदान – प्रदान, वरमाला,मंगल सूत्र, मांग भराई,जूते चुराने के क्रम के साथ व् सात फेरों के साथ विवाह की सभी रस्में संपन्न कराई गयी। विवाह के बाद स्वामी महाराज द्वारा प्रभु गोदा – रंगनाथ की आरती की गई। बाद में सभी भक्तों को गोष्टी प्रसाद का
वितरण किया गया।
अश्व वाहन पर निकली सवारी, हुई परकाल लीला ।
विवाहोत्सव के बाद रात्रि में प्रभु वेंकटेश की अश्व वाहन पर सवारी निकली। पहली बार लाइट एंड साउंड शो के माध्यम से परकाल स्वामी की लीला का चित्रण किया गया, जिसमें परकाल स्वामी ने डाकू बनकर भगवान को लूट लिया और भागने लगे उन्हें पकड़कर पुनः भगवान को समर्पण कर दिया जाता है। इस प्रसंग का रूपांतरण भी किया गया।