नए कृषि कानूनों के समर्थन में 16 दिसम्बर को होगा बीजेपी का किसान सम्मेलन

  
Last Updated:  December 15, 2020 " 06:00 am"

इंदौर : आंदोलनकारी किसान संगठनों के साथ कई दौर की बातचीत विफल होने के बाद बीजेपी ने देशभर में किसानों के साथ संवाद साधकर उन्हें नए कृषि कानूनों और उनके लाभों से अवगत कराने का फैसला किया है। मप्र में संभागीय स्तर पर किसान सम्मेलन आयोजित कर किसानों को जागरूक किया जाएगा। इसी कड़ी में इंदौर संभाग का किसान सम्मेलन आगामी 16 दिसम्बर को दशहरा मैदान पर होने जा रहा है।
बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान ने सोमवार को पत्रकार वार्ता के जरिए यह जानकारी दी। इस दौरान बीजेपी के जिलाध्यक्ष डॉ. राजेश सोनकर, शहर अध्यक्ष गौरव रणदिवे, सांसद शंकर लालवानी, केबिनेट मंत्री उषा ठाकुर, विधायक तुलसी सिलावट, रमेश मेंदोला, मालिनी गौड़, पूर्व विधायक सुदर्शन गुप्ता, मधु वर्मा और अन्य नेता मौजूद रहे।

विजयवर्गीय, नरोत्तम मिश्रा करेंगे संबोधित।

नंदकुमार चौहान ने बताया कि बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय और प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा किसान सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए नए कृषि कानूनों और उनसे होनेवाले फायदों के बारे में किसानों को अवगत कराएंगे।

किसानों को भ्रमित किया जा रहा है।

श्री चौहान ने आरोप लगाया कि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल नए कृषि कानूनों के बारे में गलत जानकारी देकर भ्रम फैला रहे हैं। न्यूनतम समर्थन मूल्य किसानों को पहले की तरह मिलता रहेगा। बल्कि मोदी सरकार ने इसे बढाकर डेढ़ गुना कर दिया है।कृषि उपज मंडियां भी यथावत काम करती रहेंगी। नए कृषि कानून किसानों को आजादी देते हैं कि वे अपनी उपज कहीं भी बेच सकते हैं। न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरकारी खरीद की व्यवस्था भी जारी रहेगी। नए कानून बिचौलियों से किसानों को मुक्त करते हैं।

कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग में केवल उपज का सौदा।

वरिष्ठ बीजेपी नेता नंदकुमार चौहान ने साफ किया कि कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग को लेकर फैलाया जा रहा भ्रम भी गलत है। कॉन्ट्रैक्ट केवल उपज का होगा, जमीन का नहीं। जमीन का मालिक किसान ही होगा। कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग में एमएसपी से ज्यादा दाम किसानों को मिल सकेगा और उनकी आय बढ़ेगी।

किसानों को दी जा रही है सम्मान निधि।

पत्रकार वार्ता में कहा गया कि मोदी सरकार ने सम्मान निधि के रूप में किसानों के खाते में 6 हजार रुपए डाले हैं। यही नहीं मप्र की शिवराज सरकार ने उसमें 4 हजार रुपए की बढ़ोतरी अपनी ओर से कर दी है। याने किसानों को प्रदेश में सम्मान निधि के बतौर 10 हजार रुपए मिल रहे हैं।
नंदकुमार चौहान ने कहा कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ जो किसान आंदोलन कर रहे हैं, उन्हें गुमराह किया जा रहा है। आंदोलन की आड़ में कतिपय तत्व अपना अलगाववादी एजेंडा चला रहे हैं। किसान सम्मेलन के जरिए ऐसे तत्वों से भी किसानों को सचेत किया जाएगा।

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